भाजपा ने आज कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण, अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और समान नागरिक कानून बनाने के मुद्दों पर वह कोई समझौता नहीं करेगी तथा नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में लड़े जाने वाले 2014 के लोकसभा चुनाव के पार्टी के घोषणा पत्र का ये विषय अभिन्न अंग होंगे। मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली पार्टी की ‘घोषणा पत्र समिति’ की आज हुई पहली बैठक के बाद यह घोषणा की गई। बैठक के बाद जोशी ने कहा, ‘‘2014 के चुनावों के लिए भाजपा का घोषणा पत्र जनता की भागीदारी से बनाया जाएगा। समाज के हर वर्ग से सुझाव मांगे जाएंगे। उन सुझावों की रोशनी में राम मंदिर, अनुच्छेद 370, समान नागरिक संहिता, राम सेतु, गंगा और गाय आदि विषयों की समीक्षा की जाएगी।’’ यह पूछे जाने पर कि अगर भारी मात्रा में उक्त विषयों को शामिल नहीं किए जाने की राय आई तो क्या पार्टी उसे मानेगी, जोशी ने कहा, ‘‘अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थल पर राम मंदिर निर्माण, जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और देश में समान नागरिक संहिता बनाने के मुद्दे भाजपा के लिए ऐसे विषय हैं जिन पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।’’ यह कहे जाने पर कि राजग के स्तर पर तो यह विषय गौण हो जाते हैं, उन्होंने कहा कि वह भाजपा के मुद्दों की बात कर रहे हैं। चुनाव बाद प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी की जगह किसी और के नाम पर विचार करने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री पद के हमारे उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी हैं और ऐसा कोई कारण नहीं दिख रहा कि अभी या चुनाव बाद इसमें कोई बदलाव किया जाए।’’ उन्होंने बताया, पार्टी ने जनता की व्यापक भागीदारी से इस बार का चुनाव घोषणा पत्र बनाने का फैसला किया है। इसके लिए ‘बीजेपी मेनिफेस्टो डाट काम’ नामक एक वेबसाइट शुरू की जा रही है। जोशी ने बताया कि उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक, कृषि, सुरक्षा, श्रमिक, व्यापार, विज्ञान और प्राकृतिक संसाधनों, महिला, छात्र आदि समाज के सभी क्षेत्रों से जुड़े लोगों, संस्थाओं और प्रतिष्ठानों से घोषणा पत्र के बारे में राय मांगी जाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी चाहेगी कि 30 नवंबर तक लोग अपनी राय वेबसाइट के जरिए भेज दें जिससे मसौदा घोषणापत्र बनाकर उसे लोगों के ध्यानार्थ जारी किया जा सके। यह पूछे जाने पर कि अगर पार्टी को लोगों ने बड़े पैमाने पर यह राय दी कि अयोध्या के विवादास्पद स्थल पर ध्वस्त बाबरी मस्जिद को फिर से बनाया जाए तो क्या इसे स्वीकार किया जाएगा, जोशी ने कहा, ‘‘हमारा साफ साफ मानना है कि वहां भव्य राम मंदिर ही बनेगा। चाहे यह न्यायपालिका के जरिए बने या परस्पर वार्ता के जरिए बने। राम मंदिर निर्माण के बारे में कोई समझौता नहीं होगा।’’