खूंटी: कोविड -19 की दूसरी लहर ने कई लोगों की जान ले ली। कई परिवार के मुखिया और परिवार के लिए कमाने खाने वाले भी गुजर गए। लोग कोरोना के दूसरे फेज के संक्रमण से तबाह हो गए हैं। आम आदमी से लेकर सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, पुलिस प्रशासन हर कोई अपनी ड्यूटी करते हुए सशंकित है। ये कोरोना वीर अपने परिवार के सदस्यों से नहीं मिल पा रहे हैं सिर्फ फोन पर सदस्यों का हाल चाल लेकर 24 घण्टे, दिन हो या रात अपनी ड्यूटी करने में जुटे हैं। रात्रि के 12 बजे भी यदि कोई संक्रमित परिवार के परिजन कार्यपालक पदाधिकारी और उनकी टीम को फोन करते हैं तो ये न दिन देखते हैं न रात, बस पीपीई किट पहनकर सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए अपनी सेवा में जुट जाते है। हिन्दू, मुस्लिम सिख ईसाई की राजनीति पर कोरोना की दूसरी लहर ने जबरदस्त असर डाला है। इस सेवा कार्य मे सिर्फ मानवीय धर्म उजागर होने लगा है।
शवों के अंतिम संस्कार के लिए खूंटी नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी ने कुछ ऐसे कोरोना योद्धाओं की टीम तैयार की है जो लगातार दूसरे फेज के संक्रमण में भी पूरी निष्ठा और कर्तव्यपरायणता के साथ कोविड में जान गवांने वालों के पार्थिव शरीर को विभिन्न धर्मों के नियमो का पालन करते हुए अंत्येष्टि की प्रक्रिया पूर्ण करने में लगे हैं।
जिले में अबतक नगर पंचायत के कोरोना वीरों ने 28 शवों को अलग अलग धर्मो के अनुसार दाह संस्कार, दफन क्रिया और अन्य मोक्ष क्रियाएं करवाने में जुटे हैं। कोरोना संक्रमण के वर्त्तमान समय में शवों को धार्मिक तरीकों से डिस्पोजल करना बड़ी चुनौती बन गयी थी लेकिन शवों को ससमय डिस्पोजल कर खूंटी नगर पंचायत ने फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स कहलाने का जज्बा दिखाया है।
जब कोरोना संक्रमण से अपने ही परिजनों की मौत कई तरह की संकट खड़ा कर देती है। परिवार के सदस्य भी अंत्येष्टि में शामिल होने से जब बचने लगे हैं ऐसे भयावह दौर में खूंटी नगर पंचायत के कुछ कर्मियों की टीम ने अपनी ड्यूटी से ज्यादा शवों के अंतिम संस्कार में समय देने का ठान लिया है। ऐसे कोरोना के वीरों को सलाम। ऐसे कोरोना वारियर्स समाज मे धर्म, जाति और राजनीतिक दांव पेंच से ऊपर उठकर दिन रात काम पर लगे हैं।