शंकर सुमन की रिपोर्ट
महागामा: स्थानीय राजमहल हाउस ऊर्जानगर में साहित्यकार परिषद, महागामा द्वारा मंगलवार को हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। साहित्यिक संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि महागामा के अनुमंडल पदाधिकारी जितेंद्र कुमार देव एवं विशिष्ट अतिथि अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शिव शंकर तिवारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं स्थानीय कवियों द्वारा मां वाणी के चरणों में पुष्प अर्पित किये गए। संस्था के अध्यक्ष अरविंद अंशुमान ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि का स्वागत पुष्प पुष्प के द्वारा किया तथा उपस्थित कवियों और प्रबुद्ध हिंदी सेवियों का परिचय करवाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ संगीत शिक्षक बबलू मिश्र द्वारा तुलसी और सूरदास के भजनों से हुआ।
अपने संक्षिप्त उद्बोधन में मुख्य अतिथि श्री देव ने राजभाषा हिंदी को विश्व की सर्वाधिक वैज्ञानिक एवं सरल भाषा बताया। उन्होंने कहा कि हिंदी में विश्व भाषा बनने के सभी गुण मौजूद हैं। हिंदी ही वह भाषा है जो पूरी दुनिया को एक सूत्र में बांध सकती है । हिंदी सीखने और लिखने में बेहद सरल है। अहिंदी भाषी भी हिंदी भाषियों के संपर्क में आने से कम समय में ही हिंदी बोलने और समझने लगते हैं।
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी श्री तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा के हिंदी समस्त भाषाओं की जननी है, जिसमें ब्रज, मगधी, भोजपुरी, मैथिली, पंजाबी, अवधी, उर्दू, फारसी से लेकर विश्व की तमाम भाषाओं के शब्द उपलब्ध हैं। आज पूरा विश्व भारत से व्यापारिक संबंध बढ़ाने हेतु हिंदी सीखने को तत्पर है। क्योंकि हिंदी से बढ़कर और दूसरी संपर्क की कोई भाषा नहीं है।
साहित्यकार परिषद के महासचिव अभियंता, कवि एवं अंतर्राष्ट्रीय शायर सुशील ने साहिल ने अपनी कविताओं के माध्यम से कहा कि हिंदी का सम्मान करें हम, हिंदी में ही काम करें हम।
इसके बाद कवि सम्मेलन का दौर शुरू हुआ, जिसमें वयोवृद्ध कवि अरविंद झा, प्रसिद्ध शायर कलीमुल्लाह परवाना अशोक कुमार अजय, अरविंद अंशुमान , शंकर राम, श्रमिक नेता रामस्वरूप पासवान , अनुराग कुमार एवं शायर सुशील साहिल के साथ अन्य कवियों ने अपनी-अपनी रचनाएं सुनाईं। कार्यक्रम का संचालन ईसीएल राजमहल के अभियंता एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के चर्चित कवि सुशील साहिल ने बड़े सुचारू ढंग से किया। धन्यवाद ज्ञापन अरविंद अंशुमान के द्वारा दिया गया। इस अवसर पर महागामा के प्रबुद्ध नागरिक नवल किशोर भगत, कुंवर गोपाल सिंह, पप्पू कुमार ठाकुर, आशीष तरु दत्त, संजीव कुमार, अजय कुमार झा, सुरेश यादव,शंकर कुमार गुप्ता के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय हिंदी सेवियों की उपस्थिति रही।