भुरकुंडा। सीसीएल बरका-सयाल प्रक्षेत्र के भुरकुंडा कोलियरी को नौ माह के बाद पुजा अर्चना के साथ कोयला उत्पादन का कार्य शुरू हो गया है। सीटीओ के कारण नौ माह कोलियरी बंद रहने के बाद पुनः माइंस चालु करने की स्वीकृति मिलने पर मजदूर और क्षेत्रवासियों में हर्ष का माहौल है। सुबह भुरकुंडा कोलियरी के हाथीदाडी माइंस में बरका-सयाल प्रक्षेत्र के जीएम अजय सिंह और पीओ जीसी साहा ने माइंस स्थित मां काली मंदिर में पुरे विधि विधान के साथ पुजा अर्चना किया। पुजा अर्चना के बाद लोगो के बीच प्रसाद और लड्डू का वितरण किया गया। इसके बाद अधिकारियों ने हॉलेज घर में मशीन की पुजा अर्चना कर उत्पादन कार्य का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जीएम अजय सिंह ने कहा कि सभी के सहयोग से हमलोगो को सीटीओ मिल पाया है। आज फिर से हमारी मंजिल को पाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। उन्होने कहा कि जिस तरह अधिकारी, मजदूर और यूनियन सहित क्षेत्रवासियों के सहयोग से सीटीओ मिल पाया है। उसी उम्मीद और नये जोश के साथ हम उत्पादन लक्ष्य को पुरा करेंगे। एक नया आयाम और कीर्तिमान स्थापित करेंगे। पीओ जीसी साहा ने कोलियरी को सीटीओ मिलने पर कहा कि सभी के सहयोग से हम अपनी मंजिल को पाने में सफल हुए है। आगे भी हम उत्पादन के आंकडो को पुरा करेंगे। एसओएम एएन सिंह ने कहा कि पूर्व की भांति हमें अपने टारगेट को पुरा करना है। मौके पर बीके सिंह, उदय कुमार सिंह, संजय मिश्रा, अशोक गुप्ता, संजय वर्मा, शिवशंकर पांडेय, रामाकांत दुबे, संजय यादव, गुरूदयाल ठाकुर, हरिशंकर पांडेय, अजित कुमार, विकासकांत सिन्हा, फारूक रजा, श्यामसुंदर प्रसाद, शिवशंकर सिंह यादव सहित दर्जनों मजदूर मौजूद थे।
करीब नौ माह से बंद पडा था भुरकुंडा कोलियरी
सीटीओ नही मिलने के कारण पिछले करीब नौ माह से भुरकुंडा कोलियरी बंद पडा था। कोलियरी बंद हो जाने के कारण सीसीएल को काफी नुकसान उठाना पडा। काफी प्रयास के बाद प्रबंधन को सीटीओ मिल पाया। पिछले नौ माह से भुरकुंडा कोलियरी के भूमिगत खदान हाथीदाडी, बांसगढा, एक्सावेशन खुली खदान और बलकुदरा आउटसोर्सिंग माइंस सीटीओ के कारण बंद था।
मजदूर और क्षेत्रवासियों में हर्ष
भुरकुंडा कोलियरी को सीटीओ मिलने की खबर के बाद मजदूर और क्षेत्रवासियों में हर्ष का माहौल कायम था। पिछले नौ माह से भुरकुंडा कोलियरी के भूमिगत और खुली खदान में कार्य करने वाले कर्मी अपनी भविष्य की चिंता से ग्रसित थे। सीटीओ मिलते ही मजदूरों के चेहरे पर हर्ष का माहौल व्याप्त है।