बीडीओ ने कहा हमें जानकारी नही पता कराते हैं, गांव की ऐसी स्थित सरकारी दावे की पोल खोलती है, पांच पाह पूर्व भी बीडीओ ने कहा था पता कराते हैं
मयूरहंड(चतरा)निरेश कुमार सिंह। इस आधुनिक युग में भी चतरा जिले के मयूरहंड प्रखंड में एक ऐसा गांव है जहां के ग्रामीण पगडंडियों के सहारे मंजील तक पहुंचते है। यह गांव है प्रखंड क्षेत्र के पंदनी पंचायत अंतर्गत मौना राणा टोला। स्थिति ऐसी है कि टोले के ग्रामीण बरसात आने से पूर्व चार माह के राशन का जुगाड कर लेते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव पहुंचने के लिए अबतक सड़क नही बना। साथ ही दो बड़ा-बड़ा नाला पड़ता है जिसमें बरसात में पानी भरा रहता है। बरसात छोड अन्य समय में किसी तरह पगडंडियों के सहारे आवागमन करते हैं। ग्रामीणों के लिए चार चक्का वाहन का गांव पहुंचना सपना देखने के बराबर है। यही नही ऐसी स्थिति के कारण उक्त टोले के बच्चे बरसात के दिनों में चार माह शिक्षा से भी वंचित रह जाते हैं। ऐसी विकट स्थिति गावं की प्रतिनिधियों व सरकारी बाबुओं को आजतक नजर नहीं आई। तीन दिनों तक लगातार छत्तीस घंटे के बारिश के कारण पूरी तरह से टापू बना रहा उक्त गांव। ग्रामीण इंद्रजीत राणा ने बताया कि सड़क के अभाव में किसी की तबीयत खराब होने पर या प्रसव के लिए लगभग तीन किलोमीटर खटोले का सहारा लेना पड़ता है। मदन राणा ने बताया कि गांव की समस्या से प्रखंड से लेकर प्रतिनिधियों तक को दी पर किसी ने निदान की पहल तक नहीं की। 65 वर्षीय गणेश मिस्त्री ने बताया कि गांव पहुंचने के लिए सड़क नहीं रहने की परेशानी वर्षों से झेल रहें हैं। वहीं बीडीओ विजय कुमार ने पूछने पर बताया कि हमे आपके माध्यम से जानकारी मिली है, जेई को भेज कर वस्तुस्थिति से अवगत होते हुए सड़क व पुल बनवाने की पहल की जाएगी। लेकिन ताजूब की बात यह है कि करीब पांच माह पूर्व भी बीडीओ ने उक्त गांव के संबंध में जानकारी नही होने की बात कही थी। ऐसे में स्वाल उठता है कि क्या प्रखंड के जिम्मेवार पदाधिाकरी व कर्मी बताने के समय हीं समस्या को आद रखते हैं। गांव की ऐसी स्थित सरकारी दावे की पोल खोलती है।