पांकी से लौकेश कुमार
पांकी: पांकी प्रखंड के सूड़ी पंचायत के समाजसेवी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने होली के शुभ अवसर पर क्षेत्रवासियों को संदेश देते हुए कहा कि सर्वप्रथम आप सबों को पावन पर्व होली की असीम शुभकामनाएं। होली का त्योहार आपसी प्रेम, भाईचारे, उत्साह,सोहार्द और एकता का पर्व है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारा प्रमुख त्योहार होली हर साल बसंत ऋतु के फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन सम्पूर्ण भारत में मनाया जाता है।होली के पूर्व संध्या पर होलिका दहन होता है। होली का पर्व न सिर्फ हमें अपने पुराने गले-शिकवे व आपसी रंजिश-वैमनस्व मिटाकर रिश्ते सुधारने का मौका देता है बल्कि हमें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का भी काम करता है। होली पर्व का सामाजिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व है।हम सभी को यह त्योहार प्रेम पूर्वक मनाना चाहिए ताकि इस त्योहार की गरिमा और आपसी रिश्तों में मिठास सदैव बनी रहे। रंगों के त्योहार होली से कई धार्मिक और पौराणिक कथाएं जुड़ी होने की वजह से लोगों की काफी गहरी आस्था है।जिसमें मुख्य रूप से राधा-कृष्ण के पवित्र प्रेम और भक्त प्रह्लाद एवं होलिका की कथा सबसे प्रचलित है।होली में लोग एक-दूसरे को रंग व अबीर लगाकर अपनी खुशी, आदर,सम्मान व प्यार व्यक्त करते हैं।वहीं बच्चे पिचकारी के साथ हुड़दंग मचाते है।होली पर्व भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता हैं। श्री कृष्ण की नगरी नंदगांव की लठमार होली और ब्रज की बरसाने वाली होली काफी प्रसिद्ध है। हमसबों को होली पर्व की गरिमा व नैतिकता को बचाने की कोशिश करनी चाहिए।होली के सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व को भी समझने की आवश्यकता है और मूल संदेशों का प्रचार-प्रसार करना चाहिए।वर्तमान समय में कैमिकल वाले रंगों का बहिष्कार कर स्वदेशी यानि कि नैचुरल और ऑर्गेनिक कलर का इस्तेमाल करना चाहिए एवं होली का तकिया कलाम बन चुका ”बुरा ना मानो होली” बोलकर लोगों से जोर-जबरदस्ती कर किसी की भावना व सम्मान को ठेस न पहुंचाए।