पलामू से सुधीर कुमार गुप्ता की रिपोर्ट
मेदिनीनगर:पलामू प्रमंडल के लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड क्षेत्र की चार नाबालिग लड़कियों का रेस्क्यू किया गया है. इनकी उम्र 12 से 14 वर्ष के बीच है. मेदिनीनगर से होते चारों पैदल दिल्ली जा रही थीं. इसी बीच पुलिस को उन्हें देखकर कुछ संदेह हुआ. रोककर पूछताछ करने पर संदेह सही साबित हुआ. इसके बाद महिला सह आहतु थाना प्रभारी सुनीला लिंडा ने सभी का रेस्क्यू किया. नाबालिग लड़कियों की काउंसिलिंग के लिए सीडब्लूसी को सौंपा गया है. सीडब्लूसी सभी को उज्ज्वला गृह में रखी है।दरअसल, बरवाडीह प्रखंड क्षेत्र की रहने वाली चार नाबालिग लड़कियां अपने मां बाप के डांट और पिटाई से परेशान थीं. इससे छुटकारा पाने के लिए सभी ने एक राय होकर घर छोड़ने का निर्णय लिया. साथ ही पैदल ही दिल्ली जाने का प्लान बनाया. सोमवार की दोपहर अपने घर से दिल्ली जाने के लिए बैग में कपड़ा लेकर निकल गईं. बरवाडीह से मेदिनीनगर एक ऑटो से आईं. देर शाम पुलिस लाइन रोड में बैग के साथ पैदल जा रही थी. इसी बीच एक पुलिसकर्मी की नजर उन पर पड़ी।लड़कियां पैदल ही अकेले जा रही थीं. अगर पुलिस लाइन रोड में एक पुलिसकर्मी की नजर उन पर नहीं पड़ती तो लड़कियां आगे निकल जाती. शाम का समय था. ऐसे में उनके साथ कोई अनहोनी हो सकती थी. पुलिसकर्मी ने देखते ही उनसे बात की. साथ ही पुलिसकर्मी ने महिला सह आहतु थाना प्रभारी सुनीला लिंडा को फोन कर इसकी जानकारी दी।थाना प्रभारी सुनीला ने बताया कि पूछताछ के बाद सभी को सीडब्ल्यूसी के हवाले कर दिया गया. उन्हें उज्ज्वला गृह में रखा गया है. उनकी काउंसलिंग की जाएगी. महिला थाना प्रभारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान लड़कियों ने बताया कि घर वालों से नाराज होकर मौसी के पास दिल्ली जा रही थीं. उनके पास एक हजार रुपया था. ऑटो वाले ने पांच सौ रुपया बरवाडीह से मेदिनीनगर आने का भाड़ा ले लिया. शेष रूपये उनके पास हैं।