एसपी, एसडीएम थे मौजूद
खूंटी: औषधीय और सगंध पौधों से तेल निकालने के आसवन ईकाई का उदघाटन बुधवार को जिले के डीसी शशि शशि रंजन ने किया। इस मौके पर एसपी आशुतोष शेखर, एसडीएम हेमंत सती, जिला कृषि पदाधिकारी कालीपद महतो, बीडीओ प्रदीप भगत, जेएसएलपीएस के डीपीएम शैलेश रंजन, नमन कुमार समेत गांव के प्रमुख लोग पड़हा राजा दाउद मुंडू, मुखिया सोमा कैथा, झरिया महिला संघ की अध्यक्ष फुलमनी बोदरा, अनिल सिंह, राय मुंडू, ससेवा वेलफेयर सोसाईटी के अध्यक्ष अजय शर्मा समेत गांव के अन्य लोग उपस्थित हुए। कोविड-19 के कारण यह आयोजन बिलकुल ही साधारण तरिके से संपन्न हुआ। कार्यक्रम स्थल पर सामाजिक दूरी का अनुपालन हुआ। सभी लोगों ने मास्क पहना और सेनेटाईजर का उपयोग किया। उदघाटन के मौके पर मुरहू प्रखंड के कुदा पंचायत अंतर्गत कोजड़ोंग गांव के चाड़ा और सनिका पाहन द्वारा लाये गए लेमनग्रास से तेल निकाला गया। बता दें कि आसवन ईकाई के अधिष्ठापन के लिए सेवा वेलफेयर सोसाईटी ने ग्रामसभा और प्रशासन के बीच एक कड़ी बनकर काम किया।
मौके पर डीसी ने आसवन ईकाई की प्रसंसा की। उन्होंने कहा कि जिले में औषधीय और सगंध पौघों की खेती को बढ़ावा देने और किसानों को भरपूर मदद करने का काम जिला प्रशासन करेगी। उन्होंने अफीम की खेती की जगह लोगों से लेमनग्रास की खेती करने की अपील की। जिससे खूंटी देश भर में लेमनग्रास की खेती के लिए जाना जाय। और यहां के लोगों को आजीवका का एक बेहतर साधन मिल सके।
विधायक ने दी शुभकामना
कोविड-19 के कारण विधायक इन दिनों सेल्फ आईसोलेट हैं। कारण है कि पिछले वर्ष वे स्वंय तथा उनके परिवार के कई सदस्य और अंगरक्षक कोरोना पोजेटिव हो गए थे। विधायक ने आसवन ईकाई के उदघाटन पर खुशी का इजहार करते हुए सुरूंदाग्रामवासियों को शुभकामनाऐं दी है।
अफीम की खेती के विकल्प
इस आसवन इकाई का मुल उद्देश्य औषधीय और सगंध पौधों की खेती को खूंटी में बढ़ावा देना है। जिससे ग्रामीणों को अर्थोपार्जन के लिए अफीम की अवैध खेती करने की नौबत ना आए। इसके साथ ही जिले में वैसी जमीन जहां सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं है, वैसे जंगल-झाड़ी के बीच खाली पड़ी जमीन पर लेमनग्रास, तुलसी, पामारोजा आदि की खेती कर बेकार पड़ी जमीन से को लोगों के आय का श्रोत बनाना है। जिले में इस वर्ष ऐसी ही 200 एकड़ में लेमनग्रास की खेती की गई है।
अत्याधुनिक है आसवन केंद्र
सुरूंदा में अधिष्ठापित आसवन ईकाई की तमाम मशीने असम के नागी ट्रेड एण्ड इंडस्ट्रीज से मंगवाई गई है। कम्पनी के संचालक रघुवीर सिंह नागी ने बताया कि यह झारखंड में सबसे बेहतर और आधुनिक आसवन ईकाई है। इससे एक टन लेमनग्रास का तेल का पहला खेप चाढ़े चार घंटे में और उसके बाद लगातार हर तीन घंटे में दस-दस लीटर तेल निकाले जा सकते हैं। इसके सभी पार्टस स्टेनलेस स्टील के हैं। सरल-सहज और हस्तचालित है। टिनटिल टाईप ग्रास बेशल होने के कारण आसवन के बाद तत्काल घास निकालकर तुरंत दुसरी खेप प्रारंभ हो सकती है।
सुरूंदा में आसवन ईकाई की अधिष्ठापन अकांक्षी जिला योजना के तहत लगाया गया है। जिसकी लागत 19 लाख रूपये है। सेवा वेलफेयर सोसाईटी इसके अधिष्ठापन के लिए पिछले दो वर्षों से ग्रामसभा और जिला प्रशासन के बीच की कड़ी बनकर काम किया।
डीसी को सौंपा आवेदन
ग्रामसभा सुरूंदा की ओर से डीसी शशि रंजन को एक मांगपत्र सौंप कर आसवन ईकाई की सुरक्षा और सुविधाओं के लिए चाहरदीवारी समेत दो कमरे, शौचालय, बोरिंग, बिजली, ट्रस्ट आदि की मांग की है। आसवन ईकाई का संचालन जेएसएलपीएस के माध्यम से किया जाएगा।