– परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा
मुकेश कुमार की रिपोर्ट
महागामा : प्रखंड कार्यालय के मुख्य गेट के समीप पोल पर चढ़कर बिजली ठीक करने के दौरान करंट लगने से बिजली मिस्त्री सुबोध कुमार मरांडी (26) की मौत हो गई। करंट लगने के कारण फूल से गिरे बिजली मिस्त्री को अस्पताल लाए जाने पर बहुत देर देर तक डॉक्टरों ने जांच करना मुनासिब नहीं समझा। इसके कारण परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि मिस्त्री सुबोध कुमार मरांडी, पिता नरसिंह मरांडी, ग्राम फलहारपुर, प्रखंड महागामा रविवार को क्षतिग्रस्त पोल को दो सहयोगी मिस्त्री के साथ बदलने का कार्य कर रहा था। आसपास करीब 10-12 मिस्त्री एवं मजदूर मौजूद थे। उसी दौरान अचानक बिजली लाइन चालू हो जाने से पोल में करंट आ गया । करंट लगने से मरांडी पोल से नीचे गिर गया।
घटना के बाद बिजली विभाग अपनी लापरवाही पर पर्दा डालने में लग गया है।बिजली विभाग का कहना है कि सुबोध मरांडी की मौत पोल से गिरकर हुई, न कि करंट लगने से। वहीं स्थानीय नेताओं एवं मृतक के स्वजनों का कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण बिजली पोल में करंट आने से मिस्त्री सुबोध मरांडी की मौत हुई है।
मरांडी को अस्पताल ले जाए जाने के बाद घंटों तक उसे देखने डॉक्टर तक नहीं पहुंचा। मौके पर पहुंचे एक डॉक्टर ने कहा, उनकी ड्यूटी अभी नहीं है, इसलिए नहीं देख सकते। बहरहाल, परिजन इस बात को लेकर काफी देर तक असमंजस में रहे कि सुबोध मरांडी की मौत हुई है या नहीं! डॉक्टरों की लापरवाही को लेकर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा भी किया।
अस्पताल में बिजली विभाग के कोई पदाधिकारी या संवेदक भी नहीं आए । वहीं स्वजनों का रो रो कर बुरा हाल हो रहा है । मृतक के परिजनों ने बताया कि सुबोध मरांडी देश की सेवा के लिए सैनिक की बहाली में जाना चाहते थे। इस बात को कहते कहते स्वजन दहाड़ मार कर रोने लगे। मरांडी की अब तक शादी नहीं हुई थी।मृतक दो भाई थे। माता, पिता वृद्ध हैं। परिवार में कमाने वाला सुबोध मरांडी ही था।
अस्पताल में मौजूद भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष प्रबोध सोरेन, लहठी पंचायत के मुखिया सावित्री हेम्ब्रम, पप्पू ठाकुर,कांग्रेस के खुशतर हुसैन बुलबुल, प्रवीण मिश्रा,उमेश झा आदि ने घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। इन लोगों का आरोप है कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण ही मिस्त्री सुबोध मरांडी की मौत हुई है। संवेदक मिस्त्री से कार्य तो करवाते हैं, लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से आवश्यक संसाधन नहीं देते। बताया गया कि जिस पोल पर काम हो रहा था उस पोल पर करंट था या नहीं या ऑफिस से बिजली प्रहावित किया गया था था, इस बात की मिस्त्री को जानकारी नहीं दी गई ।जिसके कारण करंट से ही उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई है। पक्ष विपक्ष के नेताओं ने बिजली विभाग के पदाधिकारी व संवेदक को अस्पताल में बुलाने को लेकर अड़े रहे। लेकिन घंटों तक संवेदक या विभाग के पदाधिकारी का कोई अता पता नहीं। मौके पर पहुंचे पुलिस पदाधिकारियों ने किसी तरह माहौल को शांत किया। इसके बाद थाना पर मृतक के परिजनों एवं बिजली विभाग के बीच समझौता वार्ता हुई।
बिजली विभाग की लापरवाही से हुई मौत के कारण बिजली विभाग द्वारा महागामा थाना में मृतक के पिता को महागामा के एसडीओ एवं बीडीओ की उपस्थिति में 20 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई। बिजली विभाग के एसडीओ मनीष चंद्र पूर्ति में बताया कि मृतक के पिता को पेंशन दी जाएगी। कागजी प्रक्रिया पूर्ण कर इंश्योरेंस का पैसा करीब ढाई लाख रुपए दिया जाएगा।
बिजली विभाग की कार्यप्रणाली से परेशान उपभोक्ता
ज्ञात हो कि महागामा टाउन फीडर में वर्षों से तार नवीकरण का कार्य चल रहा है, जिससे विभाग के बिजली कर्मी से लेकर उपभोक्ता तक परेशान हैं। प्रतिदिन किसी न किसी क्षेत्र में बिजली सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक बाधित कर दी जाती है। उसके बावजूद अब तक संवेदक के द्वारा कार्य पूरा नहीं हुआ है। संवेदक या बिजली विभाग के पदाधिकारी रिपेयरिंग के काम को लेकर कोई बयान अपना नहीं देना चाहते हैं।