रांची: आज एमपीडब्ल्यू के चरणबद्ध आंदोलन का 23 वां दिन झारखंड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ , राज्य स्वास्थ्य कर्मी एमपीडब्ल्यू अपना मांगों के समर्थन में अपने शरीर पर मांग लिखी हुई तख्ती लगाकर अपना अपना विरोध दर्ज करते हुए इमानदारी पूर्वक अपने-अपने विभागीय कार्य का संपादन कर रहे है , संघ ने तय किया है कि जब तक हमारी मांगों उचित कारवाई नही होती है तब तक चरणबद्ध आंदोलन चलता रहेगा एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ लगातार 23 दिनों से चरणबद्ध आंदोलन तय कार्यक्रम के अनुसार कर रहे है। आज इस कोरोना महामारी के दौरान एमपीडब्ल्यू फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में अपने अपने दायित्व का निर्वाह कर रहे है इस महामारी में जब आदमी से आदमी दूर भाग रहा है तब ऐसे वक्त में एमपीडब्ल्यू स्वास्थ्य कर्मी उनके पास जाकर उसके जांच से लेकर इलाज तक की सुविधा उपलब्ध करा रहा है इतने बड़े दायित्व के बदले एमपीडब्ल्यू का मानसिक एवं शारीरिक शोषण हो रहा है इस महंगाई के दौर में अल्प मानदेय में एमपीडब्ल्यू को कार्य करना असंभव होता जा रहा है । आज mpw राज्य स्वास्थ्य कर्मियों का 6 सालों से किसी भी प्रकार का वेतन मे बढ़ोतरी नही हुआ जबकि आज सभी एमपीडब्ल्यू स्वास्थ्य कर्मियों का उम्र लगभग 45,50 पार हो चुका है जिसके कारण उनका पारिवारिक दायित्व भी बढ़ गया है फिर भी सरकार द्वारा संज्ञान नहीं लेना दुर्भाग्यपूर्ण है। एमपीडब्ल्यू की नियुक्ति 2008 में हुई थी आज 13 वर्ष बीत जाने के बावजूद एमपीडब्ल्यू को नियमित नहीं किया गया है ना ही 2016 से एमपीडब्ल्यू के मानदेय में 1 रुपये का भी बढ़ोतरी की गई है जो अति चिंताजनक है। राज्य सरकार एवं विभाग से एमपीडब्ल्यू मांग की हुई है कि अति शीघ्र एमपीडब्ल्यू को विभाग में समायोजित की जाय , जब तक समायोजन करने हेतु प्रक्रिया चलती है तब तक उनके मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि की जाए।
जब तक एमपीडब्ल्यू के सभी मांगों को नहीं माना जाता है तब तक एमपीडब्ल्यू का चरणबद्ध आंदोलन चलता रहेगा जिसकी दायित्व राज्य सरकार एवं विभाग के उच्च अधिकारियों की होगी इसकी कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार ने दिया ।