रांची/धनबाद: धनबाद के जज उत्तम आनंद आनंद की हत्या के मामले में अब सीबीआई अपराधियों के सुराख के लिए लोगों से अपील की है कि जो भी जज के हत्या के मामले में कोई सुरक्षा देगा उसे इनाम के रूप में सीबीआइ्र 5 लाख रूपये इनाम देगी।
इस बाबत धनबाद के तमाम चौक चौराहों पर पोस्टर लगाए गए है। इसमें लिखा है- ”स्वर्गीय उत्तम आनंद अपर सत्र न्यायाधीश, धनबाद की हत्या 28 जुलाई 2021 की सुबह लगभग पांच बजे रणधीर प्रसाद वर्मा चौक, धनबाद, झारखंड के पास ऑटो से टक्कर मारकर कर दी गई थी। इस प्रकरण की जांच सीबीआई द्वारा की की जा रही है। यदि किसी व्यक्ति को इस हत्याकांड से जुड़ी किसी भी प्रकार की कोई महत्वपूर्ण जानकारी सूचना हो तो कृपया नीचे दिए गए फोन नंबरों पर सीबीआई विशेष अपराध शाखा वन नई दिल्ली कैंप सीएसआईआर सत्कार गेस्ट हाउस धनबाद में सूचित करने का कष्ट करें। इस अपराध के संबंध में विशेष जानकारी देने वाले को सीबीआई द्वारा 500000 रूपये का नगद इनाम दिया जाएगा। सूचना देने वाले का नाम और पता गुप्त रखा जाएगा।” इसके साथ ही पोस्टर के नीचे में मामले के अनुसंधानकर्ता विजय कुमार शुक्ला का नाम और मोबाइल फोन नंबर 7827728856, 011- 24368640, 011-24368641 दिया गया है।
गौरतलब है कि 28 जुलाई को न्यायाधीश उत्तम आनंद घर से सुबह पांच बजे के आसपास मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। घर वापस नहीं आने पर पत्नी कीर्ति सिन्हा ने रजिस्ट्रार को फोन कर इसकी सूचना दी। रजिस्ट्रार ने मामले की सूचना एसएसपी धनबाद को दी। जिसके बाद पुलिस महकमा न्यायाधीश को ढूंढने में लग गया था। थोड़ी देर बाद रणधीर वर्मा चौक के पास न्यायाधीश घायल मिले। इसके बाद उन्हें एसएनएमएमसीएच ले जाया गया था। जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिए गया। पहले इसे सामान्य सड़क हादसा माना गया था लेकिन इस मामले के सीसीटीवी फुटेज में एक ऑटो द्वारा जानबूझकर न्यायाधीश को धक्का मारते दिखाई देने के बाद सनसनी फैल गई। हाई कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लिया। पुलिस ने देर रात चालक लखन वर्मा और उसके साथ बैठे राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया था।हाईकोर्ट के आदेश पर चार अगस्त को सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर ली थी।
अब तक इस मामले में दो एजेंसियों ने जांच की। प्रारंभिक जांच डीआईजी अभियान संजय आनंद लाटकर के नेतृत्व में एसआईटी ने की परंतु एसआईटी के हाथ भी कुछ नहीं लगे। अब सीबीआई की टीम हत्या की गुत्थी सुलझाने में लगी है सीबीआई ने इस मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई भी की। और मामले की स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट को सौंपी। इस पर अदालत ने असंतोष जाहिर किया था। दूसरी ओर सीबीआई दोनों आरोपियों की नार्को टेस्ट के लिए गुजरात ले जाने की तैयारी में है। इसके लिए सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। 6 अगस्त के अदालत के आदेश के बाद सात अगस्त को सीबीआई दोनो आरोपितों को अपने हिरासत में ले गई थी। 11 अगस्त को दोनों को वापस जेल भेज दिया गया था।
मामले की जांच कर रहे सीबीआई की स्पेशल सेल ने नौ अगस्त को अदालत से दोनों आरोपीयों से सच्चाई पता करने के लिए नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग टेस्ट सहित चार अन्य टेस्ट कराने की अनुमति ली थी। नौ एवं10 अगस्त को सिंफर के गेस्ट हाऊस सत्कार में राहुल और लखन का लाई डिटेक्टर टेस्ट, ब्रेन इलेक्ट्रिकल आक्सीलेशन व अन्य टेस्ट किया गया था। टेस्ट में मिली जानकारी के बाद सीबीआई की टीम फॉरेंसिक एक्सपर्ट के साथ घटनास्थल पर आई थी। स्टेशन से घटनास्थल तक पहुंचने के तमाम रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला था। परंतु अब तक सीबीआई मामले की गुत्थी नहीं सुलझा सकी है।