कई घरों तो कई ने नदी-घाट में दिया सूर्य देव को अर्घ्य
चतरा/इटखोरी। कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को रोकने के लिए राज्य में जारी धार 144 के साथ जारी दिशा निर्देशों के बीच चतरा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सोमवार को आस्था का महापर्व चैती छठ उगते सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ संपन हो गया। छठ वर्तियों द्वारा उदयमान सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ चार दिनों तक चलने वाला लोकआस्था का महापर्व चैती छठ संपन्न हो गया। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए, रविवार शाम शहरी क्षेत्र में अधिकांश व्रती अपने घरों में तो ग्रामीण क्षेत्र में नदी-घाट में भगवान सूर्य को अर्घ्य देते दिखाई दिए। छठव्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और भगवान भास्कर से सुख, समृद्धि के साथ कोरोना वायरस के समाप्त होने की कामना की और मन्नतें मांगी। शनिवार की शाम में व्रतियों ने खरना किया था। ज्ञात हो कि शुक्रवार को नहाय खाय के साथ चैती छठ प्रारंभ हुआ था। छठ पर्व साल में दो बार मनाया जाता है। एक चैत्र माह में दूसरा कार्तिक माह में। इस पर्व को बड़ी ही धूमधाम और पूरी निष्ठा के साथ लोग मनाते हैं। पर्व पर कोरोना का असर दिखा, कुछ क्षेत्रों में छठ पूजा से संबंधित दुकानें अवश्य लगी थी, लेकिन आम छठ पर्व की तरह खरीददारी नहीं हुई। इटखोरी प्रखंड के विभिन्न छठ घाट पर व्रतियों ने सूर्य देव को दूसरा अर्घ्य दिया और छठी मैया की पूजा के साथ यह पर्व संपन्न हो गया।