पलामू से सुधीर कुमार गुप्ता की रिपोर्ट
मेदिनीनगर:पलामु में कलश स्थापना के साथ ही मां शक्ति की आराधना का नौ दिवसीय अनुष्ठान चैत्र नवरात्र मंगलवार से शुरू हो गया।पलामु में हर जगहो के मन्दिर में मंगलवार को पूरे विधि विधान एवं वैदिक मंत्रोचार के साथ कलश स्थापना की गई।नवरात्र का महाअनुष्ठान शुरू होते ही देवी मंदिर में आठ बजे से ही श्रद्धालुओं ने माता के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की आराधना और पूजा अर्चना कर मनवांछित फल की कामना की।इसके पहले पूरे विधि विधान एवं वैदिक मंत्रोचार के साथ सभी देवी स्थानों पर कलश स्थापना और देवी का आवाहन एवं मंगल आरती की गई तथा देश में छाये कोरोना महामारी से पूरे देश में अमन चैन व शांति की प्राप्ति के लिये हवन कर आहुति डाली। कार्यक्रम के अंत में प्रसाद का वितरण किया गया।गायत्री मंदिर के पुजारी ने बताया कि नवरात्र को लेकर मंदिर परिसर में कलश स्थापना के साथ आठ दिवसीय अनुष्ठान शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि सच्चिदानंदमय ब्रह्म स्वरूप की प्राप्ति करना जिनका स्वभाव हो, वे माता ब्रह्मचारिणी है। यह देवी अपने दाएं हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमंडल लिए रहती हैं। इनकी उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार् एवं संयम की वृद्धि होती है।पंडित मरत्युञ्जय तिवारी ने बताया कि आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। मंगलवार से नवरात्रि प्रारंभ हुआ है इस कारण इस बार मां दुर्गा अश्व पर सवार होकर आ रही है और हाथी पर विदा होंगी। नौ दिनों तक चलने वाली इस पूजा में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों आराधना की जाती है।नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से जातक को हर मुश्किल से छुटकारा मिल जाता है।घटस्थापना नवरात्रि के पहले दिन होती है और उसके बाद 9 दिन मां के अलग-अलग रूपों की पूजा भक्तों की ओर से की जाती है। इस बार 9 दिनों का पूरा नवरात्र है।