नदी व पुल के अस्तित्व पर मंडराने लगा है खतरा
इटखोरी(चतरा): विभागीय पदाधिाकरियों के लापरवाही के कारण इटखोरी थाना क्षेत्र में नदियों से बालू के अवैध खनन का खेल थमने का नाम नही ले रहा है। यह अवैध कार्य प्रशासन के नाक के नीचे लंबे समय से फलफूल रहा है। ऐसे में मुहाने नदी व पितीज बसाने नदी अवैध बालू कारोबारियों के लिए सुरक्षित जोन बना हुआ है। बालू के इस अवैध कारोबार में दर्जनों ट्रैक्टर लगे हुए हैं। इन वाहनों से प्रतिदिन अहले सुबह से लेकर देर शाम तक बालू की ढुलाई बेरोक टोक जारी रहती है। सूत्रों की माने तो बालू चतरा, चैपारण समेत अन्य शहरी क्षेत्र में महंगे दामों में बेचे जाते हैं। खनन विभग तो छोड़िए, स्थानीय प्रशासन भी सब देख व जानकर भी अनजान बना रहता है। इस अवैध कारोबार से सरकार को जहां लाखों रुपये के राजस्व की क्षति हो रही है। वहीं दोनों नदियों में बने पुल के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है। दोनो नदी पर बने पुल के पास बालू उत्खानन कर पिलर के पास ही खाई बना दिया गया है। इसके बाबजूद खनन विभाग व स्थानिय अंचल प्रशासन इस अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने की कोई पहल नही कर रहा है। बालू माफिया पर्यावरण के साथ भी खिलवाड़ कर मालामाल हो रहे हैं।