कुंदा(चतरा) अजीत कुमार यादव। मनरेगा मजदूरों के मजदूरी का भुगतान जिले के अति उग्रवाद प्रभावित कुंदा प्रखंड में लगभग दो माह से लंबीत है। ऐसे में इस माहामारी के दौर में मनरेगा के तहत संचालीत योजनाओं में कार्य करने वाले मजदूरों के बीच भुखमरी की स्थिति उत्पन हो गई है। लंबे समय से उधार पर घर चलाने वाले वैसे मजदूरों के समक्ष इस कोविड काल में खाने के भी ललाले पड़ने लगे हैं। क्योंकी अब राशन दुकान वाले भी उधार देने से मना करने लगे हैं। ऐसे में मनरेगा मजदूरों में व्यापक असंतोष देखा जा रहा है। जबकि सरकारी स्तर पर मनरेगा के कार्यो में 15 दिवस के अंदर भुगतान सुनिश्चित किया जाना है। परन्तु यहां महीनों बीतने के बाद भी मनरेगा के मजदूर मजदूरी से वंचित हैं। मनरेगा मजदूरों ने इस संदर्भ में कहा कि करोना काल में कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है और ऐसे में एकमात्र सहारा मनरेगा ही दिख रहा था। लेकिन उसमें भी महीनों बीतने के बाद मजदूरी का भुगतान नहीं होने से परिवार के भ्रण-पोषण में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वही मजदूरों ने प्रशासन से जल्द से जल्द मजदूरी भुगतान करने का निवेदन किया है। इस संदर्भ में प्रखंड विकास पदाधिकारी श्रवण राम ने पूछे जाने पर बताया कि फंड में राशि ना होने के कारण भुगतान नहीं हो सका है, राशि उपलब्ध होते ही भुकतान कर दिया जाएगा।