सरायकेला से भाग्य सागर सिंह की रिपोर्ट
सरायकेला। सरायकेला निवासी छऊ के जाने-माने कलाकार गुरु शशधर आचार्य सोमवार को राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में पद्मश्री सम्मान से नवाजे गए। वर्ष 2020 में पद्मश्री सम्मान हेतु इनके नाम की घोषणा की गई थी, परंतु कोरोना काल में कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो पाया था। सोमवार को राष्ट्रपति द्वारा उन्हें यह सम्मान दिया गया। छऊ गुरु शशधर आचार्य को अपने परिवार से ही छऊ की प्रथम शिक्षा बचपन मे ही मिली थी। इनके पिता तत्कालीन छऊ गुरु लिंगराज आचार्य, पद्मश्री सुधेन्द्र नारायण सिंह देव, नाट्य शेखर बन बिहारी पटनायक, पद्मश्री गुरु केदारनाथ साहू जैसे छऊ नृत्य के वरिष्ठ कलाकारों से उन्होने प्रारंभिक शिक्षा ली। इसके बाद उन्होंने अपने कैरियर में छऊ को समावेश किया। उनकी शिक्षा सरायकेला नगर क्षेत्र में ही हुई अपने घर के पास ही प्रारंभिक विद्यालय में प्रारंभिक शिक्षा एवं एन आर उच्च विद्यालय के बाद काशी साहू कॉलेज में उन्होंने पढ़ाई की थी। गुरु शशधर आचार्य को राज्य एवं राष्ट्र स्तर पर 50 से अधिक अवार्ड मिले हैं। जिसमे मुख्य रूप से झारखंड सरकार द्वारा झारखंड रत्न ,झारखंड सम्मान, राष्ट्रीय स्तर पर संगीत नाटक अकादमी अवार्ड, उड़ीसा सरकार द्वारा देव प्रसाद पुरस्कार, उत्कल सम्मान एवं आराध्य अवार्ड से सम्मानित किए जा चुके हैं। यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज में सरायकेला छऊ नृत्य को अपनी सूची में शामिल कराने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
सरायकेला राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र में बतौर निर्देशक के रूप में उन्होंने 3 वर्ष तक अपनी महत्वपूर्ण योगदान दी है। वर्तमान में एनएसडी व एफटीआई में बतौर विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में कार्य कर रहे हैं तथा सरायकेला में “आचार्य छऊ नृत्य विचित्रा” के नाम से छऊ संस्थान के निर्देशक के पद पर रहते हुए देश-विदेश से आने वाले कलाकारों को सरायकेला छऊ की शिक्षा दे रहे हैं।