मिहिजाम से मिथिलेश निराला की रिपोर्ट
मिहिजाम: विश्व में सर्वाधिक विद्युत रेलइंजन निर्माता के रूप में प्रसिद्ध चित्तरंजन रेलइंजन कारख़ाना (चिरेका) की धरती समृद्ध विरासत की भी धनी है। अपने इसी विरासत के संरक्षणीय प्रयास के तहत देश बंधु लोको पार्क में दो ऐतिहासिक आकर्षक धरोहर को स्थापित कर इसे लोक दर्शन के लिए समर्पित किया गया। लोको पार्क के चक्र रेल स्टेशन स्थल समीप स्थापित इस दोनों धरोहर का सतीश कुमार कश्यप महाप्रबंधक चिरेका द्वारा विधिवत लोकार्पण कर विरासत के प्रतीक के रूप में समर्पित किया गया। 120 एचपी क्षमता वाली समर्पित यह डी 50ए-15 विंटेज हाइड्रोलिक बुलडोजर ने 1971-96 के बीच चित्तरंजन रेलनगरी और इंजन कार्यों में विभिन्न भूमि निशान संरचनाओं के निर्माण की अवधि के दौरान अपनी सेवा प्रदान की थी। 25 वर्षों के शानदार सेवा के बाद इस बुलडोजर विश्राम दे दिया गया। इसके अलावा चिरेका में उत्पादित एक अन्य धरोहर व्यापक गेज डीजल लोको शंटर डब्लूडीएस-4डी, हाइड्रॉलिक लोकोमोटिव, जिसे भारतीय रेल द्वारा शंटिंग ऑपरेशन के लिए उपयोग में लाया गया था। इसे भी पार्क में विरासत के रूप में स्थापित कर समर्पित किया गया। यह लोको सबसे अधिक ईंधन कुशल शंटिंग इंजनों में से एक है। इसे भी वर्ष 2006 मेँ सेवा से विश्राम दे दिया गया था। इस लोकार्पण के अवसर पर श्री कश्यप द्वारा उक्त पार्क में पौधारोपण भी किया गया। महाप्रबंधक महोदय ने इस मौके पर उपस्थित सम्पूर्ण टीम को इसकी सफलता के लिए बधाई दी। इस मौके पर सभी प्रधानाध्यक्षगण, विभागाध्यक्ष और महिला कल्याण संगठन, चिरेका की सदस्यागण भी उपस्थित रहे।