झारखण्ड पेंशनर कल्याण समाज सह बुद्धि जीवी मंच ने कोयला डिपो के लिए उठाई आवाज
बरही: झारखण्ड राज्य पेंशनर कल्याण समाज सह बुद्धिजीवी मंच ने झारखण्ड के प्रत्येक प्रखंड में कोयला डिपो की व्यवस्था कर अनुदानित मूल्य पर कोयला उपलब्ध कराने की मांग की है। वर्चुअल बैठक करते हुए मंच के अध्यक्ष ईशो सिंह ने कहा कि देश मे सबसे ज्यादा कोयला उत्पादक राज्य झारखंड है। लेकिन विडम्बना है कि झारखंड के लोगो को सुलभ तरीके से कोयला नही मिल रहा है। राज्य की आधी से अधिक आबादी गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वालो की हैं। जिन्हें खाना बनाने के लिए जलावन के रूप में कोयला ही सबसे सस्ता साधन है। क्योंकि महंगी हो रही एलपीजी गैस खरीदने में काफी लोग असमर्थ हो रहे हैं। इसलिए सुलभ तरीक़े से कोयला उपलब्ध कराने के लिए कोयला डिपो की व्यवस्था होनी चाहिए। मंच के महासचिव महेंद्र प्रसाद दुबे में कहा कि झारखंड में कोयला का अपार खादान हैं। प्रत्येक दिन लाखो मीट्रिक टन कोयला झारखंड से बाहर जाता है। लेकिन झारखण्ड वासियों की दुर्भाग्य है कि झारखण्ड के लोगो को आसानी से कोयला नही मिल पा रहा है। केंद्र सरकार सभी गरीब लोगों को गैस एवं चूल्हा तो दे दी। लेकिन सब्सिडी लगभग खत्म कर दिया। अब एक सिलेंडर के लिए 900 रुपये देने पड़ रहे हैं। जिसके कारण गरीब लोग सिलेंडर भरवाना भी छोड़ दिया। ऐसे में सस्ता कोयला ही है। लेकिन उपब्धता नही रहने के वजह से लोगो को परेशानी हो रही है। सरकार को प्रत्येक प्रखंड में एक एक कोयला डिपो खोलवाना चाहिए एवं उस डिपो में अनुदानित दर पर कोयला उपलब्ध करने की व्यवस्था झारखंड सरकार को करनी चाहिए। इससे गरीब को काफी सहूलियत मिलेगी। साथ ही जंगल पर निर्भरता खत्म होगी। कोयला डिपो की मांग करने वालो में रामचन्द्र पांडेय, नकुलदेव राणा, रामनाथ प्रसाद, आरके गुप्ता, कृष्णा गुप्ता, कृष्णा केशरी, घमन यादव, साधुशरण सिंह, कामता सिंह, राम प्रसाद राम, कृष्ण मोहन दास, सरयू राम, अनमोल राणा आदि लोग शामिल हैं।