अंततःपुलिस व आदिवासी हो समाज युवा महासभा के हस्तक्षेप के बाद मामला का हुआ समाधान
रामगोपाल जेना
चाईबासा : टोन्टो थाना क्षेत्र के ग्राम दुरूला में हो समुदाय के लोगों ने ईसाई परिवार में मृत्यु होने के बाद अपना ससन दिरी(कब्रिस्तान) में दफनाने नही दिया । हो समाज की रीति-रिवाज के अनुसार दफनाने नही देने के लिए ग्रामीण मुण्डा लन्डा बोयपाई के अगुवाई में ग्रामीण जुटे । जैसे ही सुबह हो समुदाय की वंशजानुसार ससन दिरी(कब्रिस्तान) में धर्मांतरण परिवार ने शव को दफनाने के लिये खोदाई शुरू किये । अचानक से इसकी जानकारी गाँव में फैलने लगी और लगभग आठ बजे के आस-पास ग्रामीण मुण्डा को गाँव वालों ने इस घटना की जानकारी दिया । इस बीच ग्रामीणों ने आदिवासी हो समाज युवा महासभा के पदाधिकारियों को भी इस घटना के बारे में जानकारी दी एवं सामाजिक सहयोग करने के लिये अपील किये । ग्रामीण मुण्डा से समन्वय बनाकर अपराहन 12 बजे गाँव में बैठक करने के लिये सहमति बनी । आदिवासी हो समाज युवा महासभा के पदाधिकारीगण भी बैठक में शामिल हुए और ससन दिरी स्थल में गये । ग्रामीणों की विरोधी स्वर को शांत किये भरी सभा में हो समुदाय की ससन दिरी(कब्रिस्तान) स्थल में नही दफनाने देने का फैसला लिया गया । ईसाई परिवार द्वारा हो समुदाय की मृत्यु संस्कार व रीति-रिवाज के अनुसार दफनाने का कड़ा विरोध जताया गया और इसको लेकर ईसाई परिवार वालों को सख्त चेतावनी दिया गया ।
धर्मांतरण के मामले को लेकर इसके पूर्व भी थाना तक जा पहुँचा है: गाँव में लगभग ग्यारह परिवार का धर्मांतरण हुआ है ,धार्मिक मुद्दा को लेकर कई दौर पंचायती हुआ है । इसमें कुछ धर्मांतरण परिवार का सामाजिक बहिष्कार भी किया गया है । जिसका मामला थाना तक जा पहुँचा है और थाना प्रभारी ने दोनों पक्ष को समझा-बुझाकर गाँव में शांति-व्यवस्था के साथ रहने का सलाह दिया है । परंतु धर्मांतरित परिवार से लगभग पच्चास वर्षीय अमृत लाल बोयपाई पिता कृष्णा बोयपाई का शनिवार रात को किसी बीमारी से मृत्यु हुआ और हो समुदाय की वंशागत ससन दिरी स्थल पर रविवार को सुबह चुपचाप शव दफनाने के लिए हो समाज की रीति-रिवाज के अनुसार गढ्ढा का खोदाई किया जा रहा था । जिससे यह मुद्दा गाँव में गरमाया और शव दफनाने को लेकर पंचायती करने में दिन भर समय बीत गया ।
आदिवासी हो समाज युवा महासभा के पदाधिकारियों ने शव दफनाने के लिये पहल किया था : गाँव में शव पड़े रहना अच्छी बात नही है । इसलिये युवा महासभा के लोगों द्वारा ग्रामीणों को समझा-बुझाकर ईसाई परिवार के आँगन में ईसाई रीति-रिवाज से दफनाने के लिये धीरे-धीरे सहमति लिया गया । लेकिन उनके सरना धर्म मानने वाले वंशजों ने इस पर भी कड़ी आपत्ति जतायी,चूँकि जमीन का बँटवारा नही हुआ है,एक बार दफना देगा तो आनेवाला दिन में दफनाते रहेगा । साथ ही धार्मिक रूप से हो समुदाय की रीति-रिवाज और संस्कृति पर दुल सुनूम जैसे पारंपरिक कार्यक्रमों के अनुपालन में बुरा प्रभाव पड़ने का ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया । जबकि ईसाई परिवार अपने घर से दो-तीन सौ फीट दूर में दफनाने के लिए जिद लगा रहे थे । इसको लेकर फिर दोनों पक्ष में काफी वाद-विवाद और शोर गुल होने लगा । इस बीच आदिवासी हो समाज युवा महासभा के पदाधिकारियों ने दोनों पक्ष को समझाने और शांत करने की प्रयास किये परंतु मामला बढ़ता जा रहा था । अंततः युवा महासभा के पदाधिकारियों ने इस घटना की जानकारी टोन्टो थाना प्रभारी श्री सागेन मुर्मू को दे दी । कुछ समय बाद अपनी दल-बल के साथ थाना प्रभारी पहुँचे और ग्रामीणों से पूरे घटनाक्रम को लेकर जानकारी लिया और ईसाई परिवार द्वारा चुपचाप खोदे जा रहे हो समुदाय के ससन दिरी(कब्रिस्तान) स्थल को ग्रामीणों ने दिखाया । ग्रामीण एकमत होकर थाना प्रभारी और टीम को ईसाई परिवार के शव स्थल की ओर ले गये । वहाँ ईसाई परिवार वालों को बुलाया गया । थाना प्रभारी ने दोनों पक्ष को समझाया और मध्यस्थता करते हुये सामूहिक जगह को छोड़कर ईसाई परिवार को अपने आँगन में शव को दफनाने के लिए दोनों पक्ष की सहमति से गढ्ढा खोदाई कराये । देर शाम और भारी वर्षा के बीच शव दफनाने की प्रक्रिया शुरू कराये तथा दोनों पक्ष और ग्रामीणों को किसी तरह का झगड़ा न करने की चेतावनी दिये । किसी तरह की समस्या के लिये संपर्क करने के लिए जानकारी दिया,ताकि शांति-व्यवस्था बहाल किया जा सके ।
थाना प्रभारी ने बाहर से आये धर्म प्रचारकों को दिया कड़ी चेतावनी : ग्रामीणों ने बाहर के लोगों द्वारा गाँव में लोगों को भड़काने ,प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने और पुलिस-प्रशासन का भय दिखाने को लेकर थाना प्रभारी से शिकायत किया । थाना प्रभारी ने ग्रामीणों की तेवर को शांत कराते हुये बाहर से आकर गाँव वालों को न भड़काने और गाँव की शांति-व्यवस्था को न बिगाड़ने के लिये धर्म प्रचारकों को कड़ी चेतावनी दिया अन्यथा कड़ी कानूनन कार्रवाई होने की भी चेतावनी दिये ।
इस अवसर पर पर ये लोग मौजूद थे : ग्रामीण मुण्डा श्री लण्डा बोयपाई,सहायक मुण्डा लक्ष्मण बोयपाई,सामाजिक कार्यकर्त्ता गोबिन्ड कोंडांगकेल,सालुका हेस्सा,बिनोद बोयपाई,सुरेन्द्र कुंकल,दिनेश तामसोय,बागुन हेस्सा,भेंगरा कोंडांगकेल,सोंगा तामसोय,लक्ष्मण बोयपाई,भैगा कोंडांगकेल,वारलेस बोयपाई सहित आदिवासी हो समाज युवा महासभा केन्द्रीय महासचिव इपिल सामड,जिलाध्यक्ष गब्बरसिंह हेम्ब्रम,जिला क्रीड़ा सचिव जगन्नाथ हेस्सा,सदस्य सुशील सवैंया एवं काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे ।