मेदिनीनगर: विश्व में फैले भयंकर महामारी कोरोना वायरस धीरे धीरे पांव पसारता हुआ पूरे पलामू को अपनी चपेट में ले रहा है। अब इस महामारी से जान बचाना मुश्किल नजर आ रहा है। इसी महामारी के चलते शुक्रवार की सुबह छत्तरपुर के काफी मिलनसार, हंसमुख और मददगा पत्रकार को खो दिया है। बताते चलें कि छतरपुर निवासी आजतक क्राइम न्यूज़ के पत्रकार रंजीत कुमार जोकि कुछ दिन पहले ही कोरोना संक्रमित हो गए थे, उनका निधन स्वास्थ्य विभाग और सरकार की ढुलमुल रवैया तथा समय से चिकित्सक द्वारा सुझाए गए सुई ससमय न मिलने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई। संक्रमित होने के बाद उनका इलाज छतरपुर अनुमंडलीय अस्पताल की चिकित्सक के देखरेख में चल रहा था, लेकिन गुरुवार को उनकी स्थिति नाजुक बन गई। जिसके बाद उनको छतरपुर अनुमंडलीय अस्पताल मे भर्ती कराया गया। चिकित्सकों के मुताबिक उनके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा की कमी हो गई, जिसके बाद उन्हें ऑक्सीजन पर रखा गया, लेकिन स्थिति बिगड़ती देख चिकित्सकों ने उन्हें पीएमसीएच मेदनीनगर रेफर कर दिया। जहां चिकित्सकों ने रेमडेसीविर नामक इंजेक्शन लिखा रंजीत जी के परिजन और छोटे भाई के द्वारा काफी प्रयास करने के बाद भी इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पाया। जिस कारण शुक्रवार की सुबह करीब सात बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। बताते चलें कि रंजीत कुमार (पिता स्वर्गीय जानकी शरण) तीन भाइयों में सबसे बड़े थे, रंजीत कुमार अपने पीछे पत्नी और दो बेटियों को छोड़ गए, उनका असामयिक निधन उनके पूरे परिवार और क्षेत्र पर एक दुखों का पहाड़ टूटने जैसा है।शुक्रवार की सुबह उनकी मृत्यु की खबर सुनते ही पूरे इलाके में हड़कंप मच गई तथा शोक संदेशों का तांता लग गया। बहुमुखी प्रतिभा के धनी रंजीत कुमार काफी सरल और अच्छे इंसान थे। रंजीत कुमार झारखंड स्टेट जर्नलिस्ट यूनियन के छतरपुर अनुमंडल के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर रहे थे। रंजीत कुमार की असामायिक मौत तथा उचित स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध ना हो पाना एक चिंतनीय विषय है। जिससे यह पता चलता है कि स्वास्थ्य विभाग आम जनता के स्वास्थ्य के लिए कितना सजग और सक्रिय है। रंजीत कुमार के छोटे भाई अजीत कुमार चिकित्सक से लेकर अधिकारी और दवाई दुकानों तक सुई की गुहार लगाते रहे, लेकिन कहीं भी सुई उपलब्ध नहीं हो पाई इनकी मौत स्वास्थ्य विभाग के ऊपर तथा सरकार की चल रही महामारी को लेकर की योजनाओं की पोल खोलता है। बड़े-बड़े वादे और सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं सिर्फ मोबाइल और सोशल मीडिया पर ही दिखती हैं। वास्तविकता में कहीं नजर नहीं आती, सभी अधिकारी और चिकित्सक जिस महामारी से बचाव की बात करते हैं वह सिर्फ बातें ही साबित होती है, कार्य कुछ भी नहीं हो पाता है। इस घटना पर झारखंड स्टेट जर्नलिस्ट यूनियन के सभी सदस्यों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। शोक व्यक्त करने वालों में जेएसजेयू प्रदेश अध्यक्ष बलदेव शर्मा, जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह, संजय पांडेय, संजीव नयन, कुंदन वर्मा, जसप्रीत सिंह, सतीश सुमन, अजीत पाठक, दिलीप कुमार, नंद किशोर भारती, धर्मेंद्र जयसवाल, निखिल सिन्हा, आफताब आलम, विजय कुमार, रवि कुमार, वेद प्रकाश दुबे, अनिल चौधरी, राणा रंजीत, विनोद कुमार, अजय सिंह चेरो व संदीप गुप्ता आदि लोग शामिल हैं।