इटखोरी व मयूरहंड में सबसे बदतर स्थिति
चतरा। कोरोना काल में भीड़ का जमा होना अक्सर कोविड 19 संक्रमण विस्फोट का कारण बनता है। शहरों में फिर भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हैं, लेकिन जिले के ग्रामीण इलाकों के शादी समारोहों में आए दिन नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। शादी समारोह में भारी भीड़ जमा हो रही है तथा वाहनों भी छमता से अधिक सवारी लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सरपट दौड़ रही हैं। जिले के इटखोरी, मयूरहंड, कान्हाचटी व गिद्धौर में तो सबसे खराब स्थिति रही है। इटखोरी व मयूरहंड दोनो प्रखंडों के बीडीओ सह इंसडेंट कमांडर विजय कुमार है, लेकिन श्री कुमार ने लगभग 50 दिन के इस स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान 21 मई को इटखोरी थाना क्षेत्र में भीड़ से दुर सादे तौर पर विवाह करने पर स्थानिय पत्रकार आनंद कुमार शर्मा सहित 18 के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी कोविड नियम उलंघन करने का चंद मिनटों में दर्ज करवा कर अपना कर्तव्य का पालन किया। इसके बाद एक नही दर्जनों विवाह समारोह पूर्वक डीजे साउंड के साथ हुए, लेकिन बीडीओ ने दोनो में से किसी प्रखंड में कार्रवाई तो दुर स्थल पर पहुंचकर गाइडलाइन के अनुपालन कराने की भी पहल नही की। यहां तक की पदाधिकारी भी कोविड नियमों का उलंघन कर कई उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। ऐसे में स्वाल उठता है कि क्या प्रतिबंध सिर्फ पत्रकार के लिए ही था। ज्ञात हो कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के नाम पर मिनी लाकडाउन में 10 जून तक पाबंदियां सख्त की गई हैं। शादी कार्यक्रम में केवल 11 लोगों के ही जमा होने की अनुमति है और किसी तरह के समारोह के आयोजन पर प्रतिबंध है, लेकिन इसका असर नहीं दिख रहा उपरोक्त प्रखंडों में। पिछले 20 दिनों में इटखोरी व मयूरहंड में बिना मास्क लगाए डीजे पर कई समारोह में नाचते नजर आए युवक।