रांची: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी झारखंड राज्य परिषद के सचिव सह पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव को पत्र लिखकर कहा है कि, स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह, लॉकडाउन के लगभग 1 महीना होने जा रहा है , कई तरह के छोटे व्यवसाय एवं काम धंधे बंद पड़े हुए हैं । जिससे रोज कमाने खाने वाले लोगों के लिए काफी परेशानी हो रहा है। कार्ड धारियों को गेहूं और चावल चोरी और कटौती के साथ दिया जा रहा है । लेकिन कई ऐसे जरूरतमंद लोग हैं जिनका कार्ड आज तक नहीं बन पाया या ऑनलाइन में ही रह गया। प्रखंड कार्यालय के चक्कर लगाते रहने के बावजुद अभी तक जरूरतमंद लोगों को कार्ड नहीं मिल पाया। इससे लोगों की काफी दिक्कतें हो रही है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने 80 करोड़ लोगों को राशन देने की बात किया जो बेमानी साबित हो रही है । शहरों में हजारों की संख्या में दिहाडी मजदूर काम के लिए आया करते थे, उनकी रोजी-रोटी बंद पड़ी हुई है । छोटे-छोटे व्यवसाय करके लोग जीते खाते थे, वह भी बंद पड़ा हुआ है । शहरों के छोटे-छोटे दुकानों में लोग काम किया करते थे ,वह भी 1 महीने से ताला लगा हुआ है। कुछ वैसे जो केवल भीख मांग कर के ही जिया करते थे वैसे लोगों की भी संख्या राज्य मे बहुत अधिक है। श्री मेहता ने कहा उदाहरण स्वरूप रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड के आरा कांटा के समीप मल्हार टोला के लगभग 300 आवादी में मात्र 12 कार्ड है, चैनपुर के पासी टोला में लगभग 125 लोग रहते हैं, उसी तरह हजारीबाग रामगढ़ सहित कई जिलों में आदिम जनजाति के लोग रहते हैं। काम नहीं रहने के कारण आज वैसे लोग भुखमरी के कगार पर हैं ।लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण वैसे लोगों को कार्ड मुहैया नहीं करा पाया । इसीलिए जरूरतमंद लोगों को जीने के आवश्यक वस्तुएं, चावल ,गेहूं, दाल ,चीनी ,आटा ,मसाला ,तेल आदि की व्यवस्था केरल के सरकार कि तरह करनी चाहिए । ताकि लोगों को राहत मिल सके ,इस महामारी की घड़ी में सरकारी या निजी अस्पतालों में वैसे लोगों को निशुल्क इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए । अस्पतालों के मनमानी पर रोक लगनी चाहिए।
सभी जरूरतमंद लोगों को बगैर कार्ड के भी आवश्यक वस्तुएं चावल, गेहूं, दाल ,चीनी ,तेल ,मसाला, गैस, आदि को घर-घर में आपूर्ति किया जाए। किसानों को खरीफ फसल के लिए निशुल्क बीज, खाद और कीटनाशक सहित धान का बीज भी निशुल्क दिया जाए । धान की बकाए रकम किसानों को अविलंब भुगतान किया जाये ।
मनरेगा के काम में 200 दिनों की काम की गारंटी की जाए और ₹600 मजदूरी दिया जाए ।
कोरोना से मरने वाले मजदूरों को 1000000 रुपए मुआवजा दिया जाए एवं परिवार को ₹10000 मांह पेंशन दिया जाए ।
कोरोना काल में गैर आयकर दाताओं को घर चलाने के लिए ₹10000 प्रतिमा गुजारा भत्ता दिया जाय। उक्त जानकारी भाकपा के सहायक राज्य सचिव महेन्द्र पाठक ने दिया।