गुमला से बसंत गुप्ता
गुमला: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला गुमला की बैठक कामरेड बसंत गोप की अध्यक्षता में हुई। बैठक में ज़िले के नेतृत्व साथी कोरोना के गाइडलाइन को पालन करते हुए बैठक में भाग लिया। इस अवसर पर जिला सचिव कामरेड अनिल कुमार असुर ने कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए जन समस्या को लेकर काम करने की आवश्यकता है । पार्टी का ज़िला सम्मेलन के लिए तैयारी करने की दिशा निर्देश जारी किए। किसान मजदूर और प्रगतिशील जामात को पार्टी में लाने का काम किया जाय। आने वाले दिनों में पार्टी की जीबी बैठक करने की बात कही। बैठक में पुगु मुखिया सह भाकपा के जिला सहायक सचिव कामरेड बुद्धू टोप्पो ने कहा कि केन्द्र सरकार ने बढ़ती मंहगाई को रोकने में विफल रही है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के वावजूद पेट्रोल-डीजल कीमत में नियंत्रण नहीं है। मोदी ने कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने में लगी हुई है। उन्होंने ने कहा कि भाजपा केवल और केवल पुंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाली पार्टी है। भाकपा के जिला फाउंडर सचिव कामरेड बसंत गोप ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि केन्द्र सरकार ने देशी विदेशी कम्पनियों और विश्व व्यापार संगठन के निर्देश पर कानून को तेजी से बदल रही है जिसे कारपोरेट घरानों को लाभ होगा। कोरोना महामारी काल में कृषि कानून को बदलाव कर किसानों की किसानों के हक को छिनने का काम किया है। इस काले क़ृषि कानून से देश के न केवल किसान वर्ग बल्कि समस्त उपभोक्ता वर्ग पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। किसान अपने खेतों में ही मजदूर बन जाएगा । इस काले कानून से देश भर के किसान अपने खेतों में मन मुताबिक फसल भी नहीं उगा पाएंगे । उन्होंने केंद्र सरकार के गलत नीतियों को चर्चा करते हुए आगे कहा कि कानून से कृषि क्षेत्र और कृषि उपज व्यापार में कोरपोरेट लूट तेज़ होगी। खाद्यान्न व दाल आदि के मामले में जामाखोरी और मुनाफाखोरी की खुली इज्जाजत होगी। सरकार ने किसानों और आम जनता के प्रति असंवेदनशील रवैया अपनाकर फासीवादी चरित्र को आगे बढ़ाने में लगी है जो लोकतंत्र के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों के साथ देश के मजदूरों नौकरी पेशा करने वाले पर भी श्रम कानून को बदलाव कर हमला किया गया है।
जो मजदूर विरोधी और जन विरोधी है । सरकारी सम्पतियो को नीजी हाथों बेच कर नौजवानों की नौकरी को छिनने का काम शुरू कर दिया है। हमें देश को आगे बजबूत करने के लिए केन्द्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने की आवश्यकता है।