खूंटी: नक्सल प्रभावित इलाके के बच्चे अपना भविष्य संवारने के लिए बाहर निकल पड़े हैं। पूर्व में इन बच्चों ने कई जगह मदद मांगी लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिला आज ये बच्चे सीआरपीएफ 94 बटालियन से सहयोग लेने पहुंचे। जैसे ही खिलाड़ी सीआरपीएफ 94 बटालियन पहुंचे खिलाड़ियों का अर्धसैनिक बलों ने स्वागत किया और नक्सलप्रभावित खिलाड़ियों के जोश और जुनून को देखते हुए उनकी पूरी टीम को हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
नक्सल प्रभावित खूंटी जिले के सुदूरवर्ती इलाकों के विद्यार्थी कबड्डी खेल को लेकर लगातार अभ्यास कर रहे थे लेकिन कबड्डी की किट समेत अन्य सुविधाएं नहीं होने के कारण चिंतित थे। बच्चों ने बताया कि सुदूरवर्ती इलाको में संसाधनों की कमी के कारण अपने खेल प्रतिभा को निखारने में उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही कबड्डी के लिए खेल मैदान की कमी कबड्डी की प्रतिभा को तराशने में आड़े आती है।
कबड्डी टीम में कुल 32 खिलाड़ी हैं। लेकिन साधनों की कमी के कारण खिलाड़ी सशंकित थे कि आगे कैसे बढ़ा जाए। लक्ष्य हासिल करने का जुनून और जिद्द खिलाड़ियों में साफ दिख रहा था। इसी बीच खिलाड़ियों ने सामूहिक रूप से सीआरपीएफ 94 बटालियन से मदद मांगी और सीआरपीएफ 94 बटालियन ने सभी गरीब खिलाड़ियों को कबड्डी का किट मुहैया कराया। और सीआरपीएफ के परिसर में खिलाड़ियों को खेल प्रतिस्पर्धा में बेहतर प्रदर्शन के गुर भी सिखाये। सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने खिलाड़ियों को राज्यस्तरीय टूनामेंट में पूरे जोश के साथ बेहतर प्रदर्शन को लेकर कुछ जरूरी टिप्स दिए और कहा कि आपलोगों की प्रैक्टिस लगातार जारी रहना चाहिए। प्रैक्टिस के बल पर आपलोग आपलोग जहां भी जाएंगे बेहतर रैंकिंग हासिल कर सकते हैं। इस रैंकिंग को हासिल करने के लिए आपके अंदर जुनून, साहस और उत्तेजना होना चाहिए। आपलोग अपना अभ्यास जारी रखेंगे तो आपके अंदर ऊर्जा बनी रहेगी और खेल के क्षेत्र में आप अपना नाम बहुत आगे तक ले जाएंगे।
खूँटी के 32 खिलाड़ी पाकुड़ में होने वाले राज्य स्तरीय कबड्डी टूर्नामेंट में भाग लेंगे। खूंटी मुख्यालय स्थित सीआरपीएफ 94 बटालियन ने कबड्डी खिलाड़ियों के लिए राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए आने जाने की पूरी व्यवस्था की है। सीआरपीएफ 94 बटालियन ने खिलाड़ियों के जोश और जुनून को देखकर टूनामेंट में बेहतर प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं भी दी हैं। हॉकी के बाद अब कबड्डी में भी खूंटी के बच्चे अपना कैरियर संवार कर राज्य और देश का नाम रोशन करने की राह पर चल पड़े हैं।