पलामू से सुधीर कुमार गुप्ता की रिपोर्ट
मेदिनीनगर: पलामू जिले में खेती का मौसम शुरू होते ही खाद की जरूरत पड़ती है। जहां एक ओर जिले में 19 हजार 825 मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता बताई गई थी। परंतु अप्रैल से लेकर जुलाई तक मात्र 6 हजार 580 मिट्रिक टन ही सरकार के द्वारा इस जिले को खाद की आपूर्ति की गई है। आवश्यकता से कम खाद की आपूर्ति होने के कारण बाजार में खाद की कालाबाजारी भी हो रही है। जबकि 22 जून के बाद धान का बिचड़ा डाल दिया गया था।बिचड़ा तैयार होने के बाद धान रोपनी लगातार की जा रही है। ऐसे समय में किसानों को खाद की आवश्यकता पड़ती है। परंतु जहां मात्र 33% खाद की आपूर्ति होने के कारण किसानों को ऊंचे दामों पर खाद खरीदना पड़ रहा है। जिससे उनकी लागत बढ़ रही है। ऐसे में कई छोटे-छोटे किसानों कर्ज लेकर भी खेती कर रहे हैं। गौरतलब है कि धान रोपनी के समय सबसे ज्यादा डीएपी खाद की किसानों के द्वारा उपयोग किया जाता है।
12 सौ की जगह 13 सौ 50 रुपये में मिल रहा है डीएपी खाद
खाद की कम आपूर्ति होने के कारण इसका फायदा लगातार दुकानदार व बिचौलिया उठा रहे हैं। किसानों से बात करने पर पता चला कि डीएपी खाद का प्रिंट रेट 12 सौ रुपए बोरे पर लिखा हुआ है। परंतु किसानों को 1350 रुपये में बेचा जा रहा है। जिससे किसान मजबूर होकर खरीद तो रहे हैं। परंतु वह विभाग को कोसने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। उन लोगों का कहना है कि ये सभी दुकानदार, सरकारी बाबू व अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसा किया जा रहा हैकिस-किस प्रकार की खाद की कितनी हुई है आपूर्ति जिले में यूरिया की।आवश्यकता 12 हजार460 मीट्रिक टन प्राप्त हुआ 4 हजार255 मीट्रिक टन, डीएपी आवश्यकता 4 हजार800 मीट्रिक टन प्राप्त 1हजार 245 मीट्रिक टन, एनपीकेएस 1हजार365 मीट्रिक टन प्राप्त स 850 मीट्रिक टन, एम ओ पी 500 मीट्रिक टन प्राप्त 100 मीट्रिक टन, एसएसपी 700 मीट्रिक टन प्राप्त 130 मीट्रिक टन हुआ है।
क्या कहना है डीएओ का
जिला कृषि पदाधिकारी अरुण कुमार का कहना है कि यदि खाद की कालाबाजारी हो रही है। तो इस इस पर कार्रवाई की जाएगी।