गुमला: उपायुक्त गुमला शिशिर कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में जिले के अति गंभीर कुपोषित (सैम) बच्चों में कुपोषण के स्तर में सुधार एवं गर्भवती महिलाओं में एनिमिया की रोकथाम के मद्देनजर बैठक का आयोजन आटीडीए भवन स्थित उपायुक्त के कार्यालय वेश्म में किया गया।
बैठक में उपायुक्त ने जिले में कुल अति गंभीर कुपोषित (सैम) एवं मध्यम कुपोषित (मैम) बच्चों की जानकारी प्राप्त की। बताया गया कि जिले में कुल 35 सैम तथा 1320 मैम बच्चे हैं। इसपर उपायुक्त ने विशेष केंद्रीय सहायता योजना के द्वारा सैम एवं मैम बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से एक नई योजना की रूपरेखा तैयार करने का निर्देश दिया।
बैठक में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि सैम बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए सर्वप्रथम जिले के अति गंभीर कुपोषित बच्चों (सैम) की स्क्रीनिंग, भूख की जाँच एवं पहचान/ चिकित्सीय आंकलन किया जाना अनिवार्य है। स्क्रीनिंग के संबंध में उन्होंने बताया कि 06 माह से अधिक उम्र के बच्चों के वजन का मापीकरण, भूख की जाँच आदि के माध्यम से उनमें कुपोषण के स्तर की जाँच एवं पहचान की जाती है। पहचान हो जाने पर सैम बच्चों का चिकित्सीय आंकलन किया जाता है। इसी के आधार पर सैम बच्चों का प्रोफाइल तैयार किया जाता है तथा उन्हें पोषणात्मक उपचार भी प्रदान किया जाता है। इसपर उपायुक्त ने सैम के साथ-साथ मैम बच्चों के भी कुपोषण स्तर में सुधार लाने पर विशेष जोर दिया। वहीं उन्होंने सैम एवं मैम बच्चों के कुपोषण स्तर में सुधार लाने हेतु आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिकाओं के माध्यम से प्रति सप्ताह उनके स्वास्थ्य की निगरानी रखने का निर्देश दिया।
बैठक में सुजित कुमार सिन्हा ने बताया कि 03 माह तक खाद्य अनुपूरक, मल्टिविटामिन्स एवं दवाईयों के उचित उपयोग से सैम बच्चों के कुपोषण स्तर में सुधार लाया जा सकता है। इसपर बैठक में कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से 03 माह की समयावधि के आधार पर नई योजना की स्वीकृति पर विचार-विमर्श किया गया। उपायुक्त ने जिले में सैम एवं मैम बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने की दिशा में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को कार्य योजना बनाकर कार्य करने का निर्देश दिया।
बैठक में गर्भवती महिलाओं में एनिमिया की रोकथाम हेतु अस्पतालों में उपलब्ध डिजिटल हीमोगेलोबिन मीटर पूर्व में त्रुटिपूर्ण पाए जाने के कारण गर्भवती महिलाओं में एनिमिया की पहचान नहीं हो पा रही थी। इस नीमित्त राज्य से जिले में 267 नए हीमोग्लोबिन मीटर उपलब्ध कराए गए हैं। किंतु अबतक सदर प्रखंड एवं भरनो प्रखंड के एएनएम द्वारा त्रुटिपूर्ण डिजिटल मीटर प्रतिस्थापित नहीं किया गया है, जिसके कारण अतिरिक्त डिजिटल मीटरों की आपूर्ति नहीं हो सकी है। इसपर उपायुक्त ने यथाशीघ्र संबंधित प्रखंडों में एक दिवसीय शिविर का आयोजन कर संबंधित एएनएम से त्रुटिपूर्ण डिजिटल मीटर प्राप्त करने का निर्दश दिया।
उपस्थिति
बैठक में उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा, उप विकास आयुक्त संजय बिहारी अंबष्ठ, जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला शिक्षा अधीक्षक सुरेंद्र पाण्डेय, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा, जिला कृषि पदाधिकारी सत्यनारायण महतो, जिला योजना पदाधिकारी विभूमि नारायण सिंह, राज्य कार्यक्रम प्रमुख सी.एफ.एन.एस सुबीर कुमार दास, राज्यस्तरीय काउंसेलर सैम/ यूनिसेफ सुजित कुमार दास, खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी राजेश कुमार शर्मा, डीपीएम स्वास्थ्य जया रेशमा खाखा, आर.के.एस.के कॉर्डिनेटर एन.एच.एम डॉ. सरिता प्रतिमा मिंज, न्यूट्रिशन काउंसेलर एम.टी.सी अनामिका कुमारी, स्वास्थ्य विभाग के राजीव कुमार, नीती आयोग के ए.एम.बी.एफ आशीष प्रसाद व अन्य उपस्थित थे।