गुमला: उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में ग्रामीण विकास विभाग, जिला परिषद, ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, केसीसी ऋण योजना आदि के प्रगति की समीक्षा हेतु बैठक आईटीडीए भवन के सभागार में की गई।
उपायुक्त ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 15वीं वित्त आयोग अंतर्गत पंचायत समिति द्वारा प्राप्त राशि के नियमानुकूल किए गए खर्च की स्थिति की समीक्षा की। समीक्षा के क्रम में चैनपुर, बसिया तथा भरनो प्रखंडों का प्रदर्शन बेहतर पाया गया। उपायुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को आगामी 15 नवंबर तक शत-प्रतिशत पंचायत समिति की राशि का खर्च सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही ग्राम पंचायत अंतर्गत केवल 29 प्रतिशत ही खर्च किए जाने पर उपायुक्त ने असंतोष व्यक्त करते हुए पंचायतवार/ ग्रामवार ली गई योजनाओं एवं उन योजनाओं में किए गए खर्च का विस्तृत प्रतिवेदन भी समर्पित करने का निर्देश दिया। उन्होंने अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करते हुए शत-प्रतिशत खर्च सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
दीदी बाड़ी योजना की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि निर्धारित लक्ष्य 11230 के विरूद्ध 7288 योजनाएं संचालित (ऑनगोइंग) हैं। किंतु चैनपुर, डुमरी एवं घाघरा प्रखंडों द्वारा एक भी योजना स्वीकृत नहीं की गई है। जहाँ चैनपुर में 400, डुमरी में 1023 व घाघरा में 991 का अंतर पाया गया। इसपर उपायुक्त ने संबंधित प्रखंडों को 15 नवंबर तक उपरोक्त अंकित अंतर को भरते हुए एसएचजी की सुयोग्य महिला लाभुकों जिनके पास 01 से 05 डिसमिल भूमि (बाड़ी) उपलब्ध हो उनका चयन कर उनके बीच बीज का वितरण सुनिश्चित कर प्रतिवेदित करने का निर्देश दिया।
उप विकास आयुक्त कर्ण सत्यार्थी ने ग्राम पंचायत की राशि के भुगतान के संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारियों को अपने-अपने मुखिया के साथ बैठक कर वैसी योजनाएं जो पूर्ण कर ली गई हैं उनमें खर्च सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया। साथ ही उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारियों को अपने-अपने स्तर से योजनाओं का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
बैठक में मनरेगा अंतर्गत गाय/ शूकर/ बकरी/ पोल्ट्री शेड निर्माण के अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने वैसे सभी गाँव जहाँ गाय/ शूकर/ बकरी/ पोल्ट्री शेड का निर्माण किया जाना है वहां के चयनित लाभुकों की अनुमोदित सूची सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को उपलब्ध कराने का निर्देश जिला पशुपलान पदाधिकारी को दिया।
उपायुक्त ने पीएम आवास योजनांतर्गत लंबित आवास प्लस की समीक्षा की। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि आवास प्लस में निर्धारित लक्ष्य 9648 के विरूद्ध 9439 लाभुकों का पंजीकरण किया गया, जिसमें से 8858 लाभुकों के आवासों का ही स्वीकृति किया गया। वहीं वित्तीय वर्ष 2016 से 2021 में अपूर्ण एवं लंबित आवासों की समीक्षा के क्रम में अबतक 77.56 प्रतिशत ही लक्ष्य की प्राप्ति पाई गई। जिसपर उपायुक्त ने 15 नवंबर तक अपूर्ण एवं लंबित आवासों को हर हाल में पूर्ण करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने ढलाई होने वाले आवासों को 22 नवंबर तक पूर्ण कराकर उप विकास आयुक्त के कार्यालय में प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया।
इस संबंध में अपर समाहर्त्ता सुधीर कुमार गुप्ता ने प्रखंड विकास पदाधिकारियों को लंबे समय से लंबित पड़े आवासों को अगले तीन दिनों के अंदर पंचायत एवं रोजगार सेवक की सहायता से शत प्रतिशत भौतिक सत्यापन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
उपायुक्त ने विगत वत्तीय वर्षों की वैसी योजनाएं जिनमें विगत 05 वर्षों से भुगतान नहीं किया गया हो, अभियान चलाकर अपने संबंधित पंचायत सेवक एवं रोजगार सेवक की सहायता से उक्त योजनाओं को समाप्त करने का निर्देश दिया। विदित हो कि गुमला सदर में 1753, घाघरा प्रखंड में 1261, रायडीह प्रखंड में 1268, भरनो प्रखंड में 1155 तथा बसिया प्रखंड में 812 योजनाएं विगत वित्तीय वर्षों से लंबित हैं। इसपर उपायुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को 15 नवंबर तक अधिक से अधिक लंबित योजनाओं को समाप्त करने का निर्देश दिया।
जिला परिषद के कार्यों की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 272 योजनाएं ली गई थीं। कितुं केवल 61 योजनाओं का ही जियोटैगिंग किया गया है। इसपर उपायुक्त ने सभी योजनाओं की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश सहायक अभियंता जिला परिषद को दिया। साथ ही 15 नवंबर तक सभी 171 योजनाओं में अधिक से अधिक खर्च सुनिश्चित करने का निर्देश डीपीएम पंचायत शाखा को दिया।
केसीसी की समीक्षा के क्रम में उपायुक्त ने बैंक शाखावार समन्वय स्थापित करते हुए 15 नवंबर तक 05-10 हजार आवेदनों को स्वीकृत कराने का निर्देश दिया। इसके साथ ही प्रखंड विकास पदाधिकारियों को अपने-अपने प्रखंड क्षेत्रांतर्गत पड़ने वाले शाखाओं में केसीसी के आवेदनों को ससमय जमा कराने पर भी बल दिया।
उपायुक्त ने ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की । समीक्षा के क्रम में पाया गया कि 28 अक्तूबर तक 21307 श्रमिकों का पंजीकरण कर दिया गया है तथा 28 अक्तूबर को 4200 श्रमिकों का पंजीकरण किया गया। प्रखंडवार समीक्षा के दौरान पाया गया कि जारी प्रखंड में 54, डुमरी प्रखंड में 592, चैनपुर प्रखंड में 817, बिशुनपुर प्रखंड में 474, रायडीह प्रखंड में 843 तथा कामडारा प्रखंड में 887 श्रमिकों का पंजीकरण किया गया है। इसपर उपायुक्त ने अभियान चलाकर एसएचजी की महिलाओं के साथ समन्वय स्थापित करते हुए एक सप्ताह में अधिकाधिक श्रमिकों का पंजीकरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
उपस्थिति
बैठक में उपायुक्त सहित उप विकास आयुक्त कर्ण सत्यार्थी, परियोजना निदेशक आईटीडीए इंदु गुप्ता, अपर समाहर्त्ता सुधीर कुमार गुप्ता, सदर अनुमंडल पदाधिकारी रवि आनंद, अनुमंडल पदाधिकारी चैनपुर सह प्रखंड विकास पदाधिकारी डुमरी प्रीतिलता किस्कू, एलडीएम गुमला प्रभात कुमार सिंह, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा, जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा, जिला पंचायत राज पदाधिकारी मोनिका रानी टूटी, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ.मोहम्मद कलाम, श्रम अधीक्षक एतवारी महतो, प्रखंड विकास पदाधिकारी गुमला सदर सुकेशनी केरकेट्टा, रायडीह अमित कुमार मिश्रा, चैनपुर डॉ.शिशिर कुमार सिंह, घाघरा विष्णुदेव कच्छप, बिशुनपुर छंदा भट्टाचार्यी, सिसई सुनीला खलखो, बसिया रविंद्र गुप्ता, पालकोट विजय मिश्रा, कामडारा अमृता प्रियंका एक्का, कार्यपालक अभियंता ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल, सहायक अभियंता जिला परिषद ए रहमान, डीपीएम जेएसएलपीएस, डीपीएम जिला पंचायत शाखा शशि किरण मिंज, सीएससी प्रबंधक रंजन नंदा व अन्य उपस्थित थे।