रामगढ़: डायन कुप्रथा उन्मूलन के उद्देश्य से बुधवार को जिला समाहरणालय परिसर से उप विकास आयुक्त नागेंद्र कुमार सिन्हा ने जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मौके पर उप विकास आयुक्त नागेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा की डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम 2001 के प्रावधानों एवं लोगों को डायन प्रथा के उन्मूलन के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आज समाहरणालय परिसर से जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है। जागरूकता वाहन के माध्यम से जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रह रहे ग्रामीणों को डायन कुप्रथा एवं इससे संबंधित कानूनी प्रावधानों के प्रति जागरूक किया जाएगा ।
क्या है डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम, 2001
यदि कोई भी व्यक्ति जो किसी अन्य व्यक्ति को डायन के रूप में पहचान करता हो और उस पहचान के प्रति अपने किसी भी कार्य, शब्द या रीति से कोई कार्यवाही करे, तो इसके लिए उसे अधिकतम 3 महीने तक की सजा अथवा 1000 रूपये जुर्माने की सजा अथवा दोनों से दण्डित किया जायेगा ।
यदि कोई भी व्यक्ति जो किसी औरत को डायन के रूप में पहचान कर उसे शारीरिक या मानसिक यातना जान – बूझकर अन्यथा प्रताड़ित करता है, तो उसे 6 माह की अवधि के लिए कारावास या सजा अथवा 2000 रुपये तक जुर्माने अथवा दोनों सजा से दण्डित किया जायेगा ।
ऐसे किसी भी व्यक्ति को जो किसी औरत को डायन के रूप में पहचान करने के लिए साशय या अनवधानता से अन्य व्यक्ति को या समाज के लोगो को उकसाता हो , षडयंत्र रचता हो या उन्हें सहायता देता हो , जिससे उस औरत को हानि पहुंचे , तो 3 महिने तक का कारावास अथवा 1000 रूपये के जुर्माने अथवा दोनों सजा से दण्डित किया जायेगा ।
डायन के रूप में पहचान की गयी किसी भी औरत को जो भी शारीरिक या मानसिक हानि या यातना पहुंचाकर अथवा प्रताड़ित कर झाडफूंक या फिर टोटका द्वारा उसके उपचार के लिए कोई कार्य करता है , तो उसे 1 साल की कारावास का सजा अथवा 2000 रूपये तक जुर्माने अथवा दानों सजा से दण्डित किया जायेगा ।
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी कनक कुमारी तिर्की बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों, महिला सुपरवाइजर्स आदि उपस्थित थे