पलामू से सुधीर कुमार गुप्ता की रिपोर्ट
मेदिनीनगर: संघर्ष की उपज से मुख्यालय ही नहीं जिले भर में सेवादार की पहचान है दीपक तिवारी। ये कटाक्ष है मेदिनीनगर की मेयर अरूणा शंकर के उस बयान पर जिसमें कहा गया है कि नये नेताओं के बहकावे में नहीं आकर 85 फिसदी जनता ने निगम का टैक्स भरा है। अपने आवासीय कार्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता कर मेदिनीनगर नगरनिगम पर हमलावर रूख अख्तियार कर चुके कांग्रेसी युवा नेता दीपक तिवारी और नागरिक संघर्ष मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद गुप्ता ने नगरनिगम के पदधारीयों को हमेशा कठघरे में खड़ा किया है, वहीं निगम की कार्यशैली पर सवालों की बौछार कर दी है। दीपक तिवारी की माने तो उम्र में छोटा होकर भी बीस साल से राजनीति का कई गुणा अनुभव रखते हैं। दल में बिना पद के पैसे एवं पैरवी के चमक के बजाय परिश्रम, पराक्रम एवं प्रदर्शन से कार्यकर्ता से पदाधिकारी का पदवी पाया है। सिर्फ होर्डिंग-बोर्डिंग में तस्वीर छपवा कर राजनीति चेहरा बनने का छलावा नहीं किया जाता है।मीडिया से बातचीत में दीपक तिवारी ने बताया कि राज्य की महागठबंधन वाली सरकार और अफसरों के कार्य की प्रशंसा करके सच्चाई को बताया जा रहा है। सरकार में जिस विचारधारा के लोग होते हैं अधिकारी उसी तरह से काम करते हैं। परंतु जनता ये जानना चाहती है कि निगम क्या काम कर रही है। साथ ही बताया कि 85 प्रतिशत नगरवासियों से टैक्स लिए जाने का दावा तो किया जाता है, मगर इसका लाभ नये जुड़े हुए क्षेत्रों को कितना मिलता है इस पर पारदर्शिता नहीं बरती जाता है। कोरोना के नाम पर लोस एवं विस चुनाव का हवाला देकर मासिक बोर्ड की बैठक नहीं करवा पाने वाले काम नहीं करके समय बीत जाने का बहाना बनाते हैं, जिसके पीछे कार्यालय में कभी भी जनता के लिए नहीं बैठने, शिलान्यास, उद्घाटन, बैठक के लिए ही घर से निकलने की हकीकत को छुपाया जाता है। निगम के पदधारियों के बयान पर दीपक तिवारी ने स्पष्ट कह दिया कि वैसे नये नेताओं के बहकावे में वाकई में जनता नहीं आती है, जो बिना राजनीतिक-समाजिक-सांगठनिक कार्यों में शामिल हुए बरगला कर, भरमा कर पद पा लेते हैं। जनता उनके साथ खड़ी होती है जो आपदा में हर घर तक, जरूरतमंद-असहायों तक सेवा कार्य करते हैं। जो बिना पद के जनता के लिए घर से लेकर बाहर तक सड़क से लेकर सदन तक लड़ने-जूझने का माद्दा रखते हैं और उनके बीच जीते और मरते हैं।झारखंड इंटक के प्रदेश सचिव सह विश्रामपुर विधानसभा प्रभारी दीपक तिवारी ने बताया कि हर दिन निगम के पदधारी नली-गली, सड़क-सफाई, बिजली-पानी को दुरूस्त करने की दुहाई देते हैं मगर वास्तविकता में देखें तो हर व्यवस्था मुहैया कराने के नाम पर जमकर टैक्स वसूला जा रहा है।होल्डिंग टैक्स, जमीन का टैक्स, नक्सा का टैक्स, पानी का टैक्स यहां तक कि घर से गीला-सुखा कचरा उठाने के नाम पर भी घर-घर टैक्स वसूलने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। जबकि सच्चाई है कि गीला टैक्स और सुखा टैक्स वसूलने में टेंडर से लेकर भेंडर तक और घर से लेकर सड़क तक टैक्स की मार से जनता कराह रही है। जिसकी आवाज निरंकुश हो चुकी निगम की भाजपानीत सरकार के कानों तक नहीं पहुंच रही है, जिनके पर्दे जनता के पैसे की बंदरबांट की गुंज में सुन्न हो गई है।दो माह में स्मार्ट सिटी बना डालने की दुहाई देने वाले कान खोलकर सुन लें, कि जनता सब जानती है, सबको पहचानती है… बिना सुविधा के टैक्स वसूलने वालों से भी उनके कर्मकांड का हिसाब लेगी।
मौके पर नागरिक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवेंद्र गुप्ता ने बताया कि बड़ा तालाब हो या सैंडर्स तालाब का अतिक्रमण का मुद्दा मेयर की भी जिम्मेदारी बनती है, इसे मुक्त कराया जाए। नगर की समस्या पर नहीं बल्कि अपना नाम चमकाने में पदधारी जुटे हुए हैं। अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय चमक-धमक दिखा कर जनता के आंखों पर पट्टी बांधना पदधारी बंद करें।रेड़मा स्थित आवासीय कार्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता के दौरान देवेंद्र प्रसाद गुप्ता, परवेज अख्तर, दिलीप गुप्ता के साथ दीपक तिवारी ने जनता से भी अपील की है कि अब वक्त आ गया है कि जनप्रतिनिधि की परिभाषा पलामूवासी बदलें। जिसका शुभारंभ मुख्यालय मेदिनीनगर से ही हो। एकाएक लांच होने वाले चेहरों को दरकिनार कर वर्षों से जनता के लिए, जनता के बीच, जनमुद्दों पर संघर्ष करने वालों पर विश्वास भी करे और मौका भी दे।