पाकुड़: विगत दिनों साहेबगंज में थाना प्रभारी रूपा तिर्की की संदेहास्पद आत्महत्या की घटना महिला तथा आदिवासी समाज को झकझोर दिया है इससे कितनों निन्दा किया जाय कम पड़ रहा है उक्त बातें प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अखिल भारतीय आदिम जनजाति विकास समिति के महासचिव शिवचरण मालतो ने कहीं। उन्होंने कहा कि आदिवासी तथा महिला की प्रेरणाश्रोत्र बनी रूपा तिर्की की संदेहास्पद आत्म हत्या आनेवाली पीढ़ी के रास्ते का रोंड़ा जैसा प्रतीत हो रहा है। परन्तु रूपा तिर्की की आत्मा को शांति दिलाना समाज की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बनती है कि समाज उस के लिए आवाज को बुलन्द करना आज के संदर्भ में जरूरत है और आवाज बुलंद हो भी रहा है। आदिवासी समाज की बेटी के साथ अभद्रता और संदेहास्पद आत्महत्या का सीबीआई जांच की आवाज सरकार की कान तक क्यों नहीं पहुँच पा रहा है। इस घटना को लेकर राज्य के मुखिया का अब तक एक बयान नहीं आना समाज को चिन्तित करता है। आखिर आज आदिवासी समाज किसके भरोसे रहेगा किसके आशा में जीयेगा किसके हिम्मत से आगे बढ़ेगा। राज्य सरकार राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री से विशेष अनुरोध है कि आप महिला भी है और एक आदिवासी भी है। एक बार आत्म मन्थन किया जाय और रूपा तिर्की की आत्मा को शांति के लिए सीबीआई की जांच की जाय।ताकि आदिवासी समाज को तसल्ली मिले और विश्वास बढ़े कि हमारे समाज के दो शीर्ष नेतृत्व ने आदिवासी की घटना पर तत्परता दिखाया है और रूपा तिर्की की न्याय के लिए कड़ा कदम उठाया गया है। ताकि समाज को विश्वास बढ़ेगा और आशा भी।