– महागामा उप डाकघर के उप डाकपाल चितरंजन दास पर 43 लाख 37 हजार रुपए घोटाले का है आरोप
– प्राथमिकी दर्ज होने के ठीक एक माह पर हुई गिरफ्तारी
गोड्डा से अभय पलिवार की रिपोर्ट
गोड्डा: जिला के महागामा उप डाकघर से 43 लाख 37 हजार छह रुपए के गबन के आरोपी तत्कालीन उप डाकपाल चितरंजन दास को पुलिस ने गिरफ्तार कर शुक्रवार को जेल भेज दिया। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गठित विशेष जांच दल ने घोटाले के आरोपी को गिरफ्तार किया। प्राथमिकी दर्ज होने के ठीक एक माह पूरा होने पर आरोपी को गिरफ्तार करने में पुलिस को कामयाबी मिली।
शुक्रवार को अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी वाईएस रमेश ने घोटाले के आरोपी की गिरफ्तारी की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आरोपी ने कबूल किया है कि गबन की रकम को उसने भागलपुर एवं महागामा में घर बनाने एवं पिता के इलाज में खर्च कर दिया है।
इस संबंध में अनुमंडल डाक निरीक्षक पंकज कुमार पंकज ने विभागीय उच्चाधिकारियों के आदेश पर 24 अगस्त 2021 को महागामा थाना में तत्कालीन उप डाकपाल चितरंजन दास के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 406, 409, 420, 467, 468 एवं 471 के तहत कांड संख्या 151/ 2021 दर्ज कराया था। दर्ज प्राथमिकी में तत्कालीन उप डाकपाल चितरंजन दास पर 43,37,006 रुपए गबन का आरोप लगाया गया था।
इस गबन का पर्दाफाश दुमका के सहायक डाक अधीक्षक की जांच के उपरांत हुआ था। जांच में गबन की पुष्टि होने के बाद चितरंजन दास को निलंबित कर दिया गया । प्राथमिकी दर्ज होने के बाद श्री दास फरार चल रहे थे।
गबन के आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक वाईएस रमेश द्वारा महागामा के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शिव शंकर तिवारी की अगुवाई में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया था। जांच दल द्वारा तकनीकी शाखा एवं अन्य माध्यमों से सूचना एकत्रित कर अभियुक्त के संभावित ठिकानों पर छापेमारी करके गिरफ्तार किया गया। टीम में महागामा प्रभाग के पुलिस निरीक्षक बाबू राम भगत, महागामा के थाना प्रभारी उमेश मोदी, महागामा थाना के पुलिस अवर निरीक्षक राजेंद्र यादव एवं तकनीकी शाखा के कर्मी शामिल थे।