विजय कुमार की रिपोर्ट
मेहरमा । झारखंड में सरकार द्वारा राज्य भर में पान मसाला,गुटखा की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दिया गया है। इसके बावजूद ठाकुरगंगटी एवं मेहरमा प्रखंड क्षेत्र के कई इलाकों में पान मसाला एवं गुटका का कारोबार धड़ल्ले से जारी है। सरकारी स्तर पर रोक पान मसाला एवं गुटखा के थोक एवं खुदरा विक्रेताओं के लिए वरदान साबित हो रहा है।
बिक्री पर रोक के बाद भी पान मसाला, गुटखा की खुलेआम बिक्री और इसकी कालाबाजारी हो रही है। थोक एवं खुदरा विक्रेता पान मसाला, गुटखा की कालाबाजारी धड़ल्ले से कर रहे हैं। बताया जाता है कि जो गुटका, पान मसाला की कीमत पांच रुपये थी, वह गुटखा, पान मसाला प्रतिबंध के कारण अब 15 से 20 रुपये में बेची जा रही है। प्रतिबंध से पूर्व मार्केट में रजनीगंधा गुटका 20 से 25 रुपए में मिल जाता था, उसका कीमत 75 से 100 रुपये हो चुका है। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि अगर इसकी सच्चाई अधिकारियों को जानना है तो ग्राहक बनकर कोई दुकान पर पहुंचें और कालाबाजारी के सच को जाने।
लोगों का कहना है कि कालाबाजारी के धंधे की पूरी जानकारी जिला एवं अनुमंडल के वरीय अधिकारियों तक को है। लेकिन सिर्फ कागजी निर्देश जारी कर दिया जाता है। किसी प्रकार की कोई कार्रवाई और जांच नहीं की जाती है। इसके कारण कालाबाजारी करने वालों का मनोबल आसमान पर चढ़ा हुआ है। ऊंचे कीमतों में प्रतिबंधित पान मसालों की बिक्री खुलेआम करते हुए सरकारी निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।