रामगोपाल जेना
चक्रधरपूर: कोरोना महामारी में भक्तों की आस्था भारी पड़ी। चक्रधरपुर शहरवासी अपने हट भक्ति से 110 वर्ष की इतिहास को बरकरार रखने में सफल रहे। 15 अक्टूबर शुक्रवार की शाम 7:00 बजे जलते सैकड़ों मसालों के साथ हजारों भक्तों मां दुर्गा के प्रतिमा को कंधे में उठाकर जय दुर्गे के नारे लगाते हुए पुरानीबस्ती दुर्गा मंदिर से पवन चौक पहुंचे।
इस बीच मां दुर्गा की अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्त पवन चौक, बाटा रोड, पुरानी रांची रोड, शहीद भगत सिंह चौक, मेन रोड, चेक नाका, थाना रोड, सोनुवा पुल में भक्त मां दुर्गा की अंतिम दर्शन के लिए नम आंखों से खड़े रहकर निहारते है।
सर्वप्रथम आदि दुर्गा पूजा पुरानी बस्ती की प्रतिमा का विसर्जन थाना नदी मुक्तिनाथ धाम घाट में किया गया। जिसके बाद टाउन काली मंदिर की प्रतिमा का विसर्जन हुआ। तत्पश्चात पूजा पंडाल के सदस्यों ने नंबर के हिसाब से मां दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन की। विसर्जन के दौरान पूजा समिति के सदस्यों द्वारा गाजे-बाजे एवं साउंड बॉक्स की धुन में थिरकते रहे।
इधर, लोगों की सुरक्षा के लिए शहर में कड़ी विधि व्यवस्था पुलिस द्वारा की गई थी। पवन चौक में प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम बनाया गया था। जिसमें प्रशासन के आला अधिकारी एसडीओ अभिजीत सिन्हा, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नाथू सिंह मीणा, प्रखंड विकास पदाधिकारी शक्ति कुंज, अंचलाधिकारी बाल किशोर महतो, चक्रधरपुर नगर परिषद कार्यालय के पदाधिकारी सुशील कुमार, चक्रधरपुर थाना प्रभारी प्रवीण कुमार आदि मंच में उपस्थित होकर विसर्जन जुलूस को निगरानी के हुए थे।