प्रमेश पाण्डेय
बालूमाथ: बालूमाथवासियों के लिये परेशानी का सबब बनते जा रहा है तेतरियाखांड से चंदवा चलने वाले वाहन। इस सडक पर वाहनों को भार दिन दूगना रात चौगुना के हिसाब से बढ़ता जा रहा है, पर सडक के किनारे रहने वाले घरों, प्रतिष्ठत व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए सडक पर उड़ता धूल फांकना मानो मजबूरी सी बन गई है। व्यापारियों, ग्राहकों के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए भी परेशानी का सबब बना हुआ है। जहां उड़ता धूल से होटलों व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है, वहीं सडक के किनारे घरों में धूल की एक परत बैठ जा रही है, जिसे साफ करने में ही गृहणियों को दिन बीत जा रहा है। इन मार्गों पर लोगों की आवाजाही ज्यादा है। यहां उड़ती धूल से बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक परेशान हैं। यह तमाम धूल और मिट्टी जहां लोगों के घरों में घुस रही है तो वहीं रोजाना आवाजाही करने वाले लोगों के ऊपर भी पड़ रही है। इस वजह से इलाके में लोग बीमार पड़ने लगे हैं।
रोजाना चलती है चार सौ से ज्यादा वाहन
तेतरियाखंड कोलिवरी से चंदवा साइडिंग तक तक रोजना करीब चार सौ से ज्यादा वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। दिन तो दिन रात में भी भारी वाहनों के आवाजाही से लोगों का जीना मुहाल हो गया है।
स्कूली बच्चों को हो रही है परेशानी
इन वाहनों के आवाजाही के कारण इस क्षेत्र में स्थापित स्कूलों जाने वाले बच्चों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल के समय में भी वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। इस वजह से धूल के कण उडने से स्कूली बच्चों को मुंह में र्स्काप या अन्य वस्तू बांधकर चलना पड रहा है।
धूल से लोगों में एलर्जी बढ़ी, दमा अस्थमा की बीमारी में इजाफा
स्थिति यह है कि धूल से एलर्जी बढ़ गई है। दमा, अस्थमा जैसी बीमारियों में इजाफा हुआ है। उड़ती धूल से आंखों को नुकसान पहुंच रहा है, इससे आंखों में एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।