अक्टूबर 2020 में चर्चित भाई-बहन हत्याकांड का मुख्य आरोपी आनन्द तिग्गा ने ही पांच दिन पूर्व कृषि वैज्ञानिक सहित उसके सहयोगी को उतारा था मौत के घाट
गुमला से बसंत गुप्ता की रिपोर्ट
गुमला : जिले की पुलिस ने गत 24 अगस्त को घाघरा थाना मुख्यालय स्थित केला बागान में हुए कृषि वैज्ञानिक लोकेश पी और सहयोगी एम देवदासू हत्याकांड का उद्भेदन कर लिया है। पुलिस ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी आनंद उरांव उर्फ आनंद तिग्गा, अर्पण उरांव उर्फ मैनेजर और आकाश उरांव को गिरफ्तार किया है। जबकि चौथा आरोपी बसंत उरांव फरार है। गिरफ्तार अपराधियों के पास से पुलिस ने देसी पिस्तौल, दो गोली, मोबाइल फोन सहित अन्य कागजात बरामद किए हैं। पूरे मामले का खुलासा करते हुए जिला के पुलिस अधीक्षक डॉ एहतेशाम वकारीब ने सोमवार की संध्या अपने कार्यालय कक्ष में प्रेस वार्ता कर बताया कि कृषि वैज्ञानिक सहित उसके सहयोगी के हत्याकांड के बाद एसडीपीओ गुमला के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया था। इस क्रम में पता चला कि घाघरा थाना क्षेत्र का दुर्दांत अपराधी आनंद तिग्गा अपने सहयोगियों के साथ लोकेश पी के साथ देखा गया था। जिसके बाद पुलिस उन अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही थी । इसी क्रम में गुप्त सूचना मिली कि नाथपुर जंगल के समीप से तीन अपराधी देखे गए हैं । जिसके बाद तत्काल पुलिस की एक टीम मौके पर पहुँची और तीनों अपराधियों को धर दबोचा। सभी एक मोटरसाइकिल में थे। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कृषि वैज्ञानिक हत्याकाण्ड से पूर्व लूट कांड किया गया था । लूटे गए पैसे में दस हजार रुपये आनंद तिग्गा ने अपने बहनोई के खाते में डाला था। गिरफ्तार मुख्य अभियुक्त आनंद तिग्गा आपराधिक संगठन जेजेएमपी से जुड़ा रहा है और उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। जिसको लेकर उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। लेकिन जेल से निकलने के बाद पुनः घाघरा में अक्टूबर 2020 में चर्चित भाई-बहन की जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था । जिसके बाद से ही वह फरार चल रहा था। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आनंद तिग्गा की गिरफ्तारी से कृषि वैज्ञानिक हत्याकांड का पटाक्षेप हो गया ।