महेशपुर: अंचल क्षेत्र के गोपालडंगा मौजा संख्या 203 जमाबंदी संख्या दो के 66 बीघा दस कट्ठा सात धूर प्रधानी जमीन पर खेती किए जाने की विवाद को लेकर शनिवार को अंचलाधिकारी रितेश जायसवाल ने प्रभारी अंचल निरीक्षक बाबुर्जी किस्कु,व पुलिस बल के साथ गांव पहुंचकर दोनों पक्ष के लोगों को समझाबुझा कर मामले को शांत कराया। इस संबंध में जानकारी देते हुए अंचलाधिकारी रितेश जायसवाल ने बताया कि मौजा गोपालडंगा में प्रधानी जमीन में खेती करने को लेकर पूर्व प्रधान हरिदास मरांडी के द्वारा अंचल कार्यालय में शिकायत दर्ज की गई थी और इसी दरम्यान स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा नव चयनित ग्राम प्रधान मुखिया मरांडी एवं उसके सहयोगियों द्वारा प्रधानी जमीन पर खेती की जा रही है उन्होंने कहा की दो पक्षों के बीच विवाद को देखते हुए गांव पहुंच कर मामले की जानकारी ली गई तथा दोनों पक्ष के लोगो को शांत किया गया। सीओ ने बताया कि अनुमंडल पदाधिकारी पाकुड़ के द्वारा वर्ष 2010 में पूर्व प्रधान हरिदास मरांडी को बर्खास्त कर दिया था। जिसका मामला वर्तमान में न्यायालय आयुक्त संथाल परगना प्रमंडल दुमका में विचाराधीन है। सीओ ने बताया कि विचाराधीन मामले को लेकर किसी भी निर्णय से अंचल कर्मी अवगत नहीं है। हरिदास मरांडी एवं नव चयनित ग्राम प्रधान मुखिया मरांडी के बीच तनाव को देखते हुए दोनों पक्षों की सहमति से मामले को शांत करवाया गया। सीओ ने बताया की गोपालडंगा मौजा संख्या 203 जमाबंदी संख्या दो के 66 बीघा दस कट्ठा सात धूर जमीन पर नव चयनित ग्राम प्रधान मुखिया मरांडी अपने सहयोगियों के साथ खेती कर रहा था। जिसका विरोध पूर्व ग्राम प्रधान हरिदास मरांडी द्वारा किया गया था। सीओ ने बताया कि तत्काल दोनों पक्षों को विवादित जमीन पर खेती करने से रोक दिया गया है। सीओ को ग्रामीणों ने आग्रह करते हुए कहा कि आगामी सोहराय पर्व एवं सांस्कृतिक पूजा पाठ हेतु खेती कार्य करने दिया जाए। ग्रामीणों ने अधिकारियों को आश्वासन दिलाया कि न्यायालय का फैसला जो भी होगा दोनों पक्ष आपसी सहमति से वार्ता कर मामले का समाधान कर लेंगे। परंतु तब तक खेती कार्य करने दिया जाए ताकि सोहराय पर एवं अन्य सांस्कृतिक पूजा पाठ में कोई दिक्कत न हो।