बिचौलियए व सरकारी बाबू भी जरुरतमंदों का करते हैं दोहन
नरेश कुमार सिंह
मयूरहंड(चतरा) । गरीब व जरुरतमंदों के लिए सरकार की वृद्धा व विधवा पेशन योजना पदाधिकारियों के लापरवाही के कारण मयूरहंड प्रखंड में बिचैलियों व सरकारी बाबुओं के लिए उगाही का माध्यम बनकर रह गया है। सरकार एक तरफ यह घोषणा करती है कि 60 वर्ष के सभी वर्ग के वृद्ध लोगों तथा विधवा व दिव्यांगों को तत्काल पेंशन उपलब्ध कराया जाय। पर जिम्मेदार बाबुओं की मेहरबानी का अलम यह है कि प्रखंड क्षेत्र में 75 वर्ष की उम्र पार कर चुके दर्जनों वृद्ध पेंशन पाने की आश लगाए बैठे हैं। वहीं दुसरी ओर सूत्रों की माने तो जिम्मेदार बाबुओं के मेहरबानी से सेवानिवृत्त, जमींदार एवं सक्षम परिवार के लोग पेंशन योजना का लाभ उठा रहे हैं। कदगांवाकला पंचायत अंतर्गत गम्हरीया की बेली मसोमात उम्र लगभग 90 वर्ष बीत जाने के बावजूद विधवा पेंशन नही मिल पाया है। जबकी विधवा निशंतन भी हैं। सिर्फ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पांच किलो चावल उपलब्ध होता है। वहीं विधवा बिमला देवी 95 वर्ष ग्राम दिग्ही द्वारा दर्जनों बार पेंशन के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन आवेदन करने पर भी जिम्मेदारों के मेहरबानी से लाभ नहीं मिला। बलेश्वर सिंह 75 वर्ष के हैं पर पेंशन से अच्छुते हैं। प्रखंड क्षेत्र में ऐसे दर्जनों जरुरतमंद वृद्ध, विधवा एवं दिव्यांग हैं जो पेंशन पाने को लेकर सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं। साथ ही दर्जनों ऐसे हैं जिनसे बिचैलियों ने पेंशन दिलाने के नाम पर हजार दो हजार की ठगी कर लली है। प्रखंड क्षेत्र में बिचैलियों द्वारा लाभुकों को विधायक प्रतिनिधि होने तथा सरकारी बाबुओं से पैठ होने की बात कहकर गरीबों का दोहन कर रहे हैं। ऐसे में सरकारी बाबुओं व जनप्रतिनिधियों की कर्तव्यहीनता के कारण जरुरतमंदों को पेंशन योजना का लाभ मिलना मुंगेरी लाल के हसीन सपने देखने के जैसा लगता है।