बॉक्साइट माइन्स को लेकर 7 अगस्त को लोहरदगा में होगी झारखंड आंदोलनकारियों की बैठक
पैसे एवं लड़की देकर झारखंड आंदोलनकारियों को बरगलाने का रहा इतिहास
चुनौती को अवसर में बदले कांग्रेस: पुष्कर महतो
लोहरदगा: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा का राज्य में सिर्फ झारखंड आंदोलनकारियों की पार्टी का सरकार कहने मात्र के लिए है।आज सबसे अधिक दुर्दशा इस राज्य को बनाने वाले, अलग राज्य के लिए त्याग, संघर्ष व बलिदान देने वाले की स्थिति है, जो आज हाशिए पर हैं। उक्त बातें झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के के केन्द्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने प्रेस वार्ता में कही। राज्य में आंदोलनकारियों की सुधि लेने वाला शासन- प्रशासन की ओर से कोई नहीं है। कौन मर रहा है, कौन बीमार है, कौन पोष्टिक आहार के बगैर ही सो रहा है। कार्यकारी अध्यक्ष श्री महतो ने कहा कि खनिज अर्थात बॉक्साइट आधारित उद्योग जिला स्तर पर स्थापित हो। सौ प्रतिशत नियोजन झारखंड आंदोलनकारियों के परिजनों व झारखंडियों को दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि झारखंडी मातृभाषाओ में पढ़ाई लिखाई केजी से पीजी तक होनी चाहिए। केन्द्रीय उपाध्यक्ष अश्विनी कुजुर ने कहा कि सरकार आंदोलकारियों के सभी प्रकार के बकाए का भुगतान किया जाए ।
7 अगस्त 2021 को बॉक्साइट माइमाइन्स लोहरदगा में लगाने की मांग को झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की बैठक होगी। जिला संयोजक प्रो बिनोद भगत ने कहा कि आंदोलनकारियो के मान सम्मान सरकार दे। उन्होंने कहा कि आज यह महसूस करना पड़ रहा है कि झारखंड आंदोलनकारियों की स्थिति अखंड बिहार में ही आज से बेहतर थी। चूंकि उस काल में लोहरदगा जिला से ही पुलिस अधिकारी के रूप में डॉ रामेश्वर उरांव झारखंड आंदोलनकारियों के लिए बड़े भाई, मददगार व हमदर्द के रूप में 24 घंटे खड़े रहते थे। हर तरह से मदद करते थे उनकी भूमिका को आज भी झारखंड आंदोलनकारी भूले नहीं भूलते हैं। वहीं दूसरी ओर झारखंड अलग राज्य बनने के पश्चात आज डॉ रामेश्वर उरांव माननीय वित्त मंत्री हो गए हैं। अर्थात उनका चरित्र, स्वभाव, भूमिका और हृदय परिवर्तन हो गया है। ह्रदय का पूर्णता कांग्रेसीकरण हो गया है। वे बदल गए है। झारखंड आंदोलनकारियों के प्रति संवेदनहीन हो गए हैं। विरोध का चरित्र सामने आ गया है। जैसा कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का इतिहास रहा है पैसे और लड़की के मायाजाल में झारखंड आंदोलनकारियों को फसाना और बर्बाद करना।झारखंड आंदोलनकारियों की पार्टियों को खरीदना बेचना तोड़ना वगैरह वगैरह।
मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा से लेकर कई झारखंड आंदोलनकारी नेता का नाम इसमें शुमार है। झारखंड आंदोलनकारियों को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने कभी भी मान-सम्मान व पहचान देने का इतिहास नहीं रहा है। आज भी झारखंड प्रदेश में झारखंड आंदोलनकारियों को मान-सम्मान पहचान नियोजन ,पेंशन, राजकीय सुविधाएं एवं सम्मान देने का सवाल है तो कांग्रेश अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रही है। अपने चरित्र और स्वभाव को बदलने का एक सुनहरा अवसर मिला है तो कांग्रेसी भाग रहे हैं। जो कांग्रेसी स्वयं को झारखंड आंदोलनकारी बता रहे हैं वे मुखर होकर सामने आए। झारखंड आंदोलनकारियों के हित चिंतक बने। झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के लिए आज के परिस्थिति में देखना दिलचस्प होगा कि
कांग्रेस कैश करती है या झारखंड आंदोलनकारियों पर केस करती है।
उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा किसी जाति या किसी विशेष पार्टी की नहीं है यह झारखंड आंदोलनकारियों का समर्पित संगठन है। यह संगठन जाती और पार्टी से ऊपर है। इसलिए हमारे नेताओं को जाति और पार्टी से ऊपर उठकर देखा जाना चाहिए।
मौके पर संतोष कुमार महतो, मंगलेश्वर उरांव, अमर किण्डो, रूस्तम खान, ताहिर अंसारी, छेदी अंसारी, आनंद राम सहित अन्य उपस्थित थे।