सिरका : सीसीएल अरगड्डा क्षेत्र में बीते बुधवार की रात्रि सिरका कोलयरी खुली खदान में ओबी खनन उठाव कार्य में लगा, एकमात्र एलएनटी मशीन ने भी जवाब दे दिया। इसके बांकेट पिनियन में तकनीकी खराबी आ गई। जिसके कारण खनन व ओबी उठाव कार्य भी बंद हो गया। इससे कंपनी को लाखों का नुकसान होने का अनुमान हैं। इससे सीसीएल के पदाधिकारियों की सतर्कता के प्रति रूचि कितनी कारगर हैं। वह भी सबों के सामने आ गई हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते 25 अक्टूबर के बाद से शांवल मशीन बीडी, पेलोडर बीडी, डोजर बीडी और अंततः एलएनटी मशीन भी ब्रेकडाउन हो गया। जिससे सिरका कोलयरी में पूरी तरह ओबी उत्पादन भी बंद हो गया। वहीं स्थानीय सिरका कोलयरी प्रबंधन के जिम्मेवार पदाधिकारी मशीन खराब होने के बाद नींद से जागे और आस-पास के कोलयरी एरिया में हाथ पांव मारकर पुराने कलपूर्जों की खोज में लग गए हैं। सूत्रों ने बताया कि सीसीएल प्रबंधन के असतर्कता और लापरवाही बरतने के कारण एक-एक करके सिरका कोलयरी उत्पादन कार्य में लगे शांवल, पेलोडर, डोजर, एलएनटी मशीन खराब हो चुंके हैं। अब सिरका प्रबंधन के पास कोई मशीन नहीं हैं, जो ओबी खनन उठाव का कार्य कर सकें। जिसके कारण न्यू वर्कशॉप सिरका के प्रांगण में होलपैक (डंफर) खड़े हैं। कामगारों का कहना है कि प्रबंधन के स्थानीय अधिकारीयो को मशीनों के गड़बड़ी के बारे में लगातार जानकारी दी गई। जानबूझकर मशीनों को खराब होने के लिए छोड़ दिया गया। यह काफी सोचनीय विषय हैं। एक तरफ अरगड्डा क्षेत्र सतर्कता के गुण गां रहा हैं, दूसरी तरफ और असतर्कता के कारण ही कोलियरी के लगातार मशीन खराब हो गए। इधर झारखंड मजदूर यूनियन के केन्द्रीय सचिव दिलीप भुईयां, युनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन अरगड्डा क्षेत्रीय सह सचिव सुशील कुमार सिन्हा ने भी एक साथ स्थानीय सिरका कोलियरी प्रबंधन के कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल उठाए थे, जो सभी खनन मशीन खराब हो जाने के बाद पूरी तरह चरितार्थ नजर आ रहा हैं।