पलामू से सुधीर कुमार गुप्ता की रिपोर्ट
मेदिनीनगर:एनएच98 फोरलेन प्रोजेक्ट से संबद्ध प्रभावितों को फिलहाल मुआवजा भुगतान नहीं होगा । छतरपुर, पीपरा और हरिहरगंज प्रखंड क्षेत्र के 38 गावों के प्रभावितों का 3G प्रकाशित होने और मुआवजा भुगतान के लिए नोटिस जारी होने के ढाई महीने बाद तथा संबद्ध रैयतों द्वारा मुआवजा लेने के लिए कागज जमा करने के डेढ़ महीने बाद कानूनगो और अमीन के प्रतिवेदन के आधार पर पलामू डीसी ने मामले की जांच के लिए समिति का गठन कर दिया है । यह समिति जब तक रिपोर्ट नहीं सौंपेगी, मुआवजा भुगतान का काम शुरू नहीं होगा।समिति गठन से संबद्ध पत्र छतरपुर एसडीओ को भेजा गया है जिसमें कहा गया है कि – “NH98 फोरलेन निर्माण पड़वा मोड़ से हरिहरगंज के कुल 38 गांव का सूची अधिग्रहण हेतु NHAI कार्यालय से सत्यापित मूल्यांकन प्राप्त हुआ है । प्राप्त मूल्यांकन की जांच जिला भू अर्जन कार्यालय के अमीन एवं कानूनगो द्वारा स्थलीय जांच की गयी । जांच में त्रुटि पायी गयी । जांच में पाया गया कि पूर्व में प्रकाशित 3G एवं 3D में कुछ मकान का प्रकाशन नहीं है उसके बावजूद भी मकान का मूल्यांकन बनाया गया है तथा कुछ मकान अर्जित क्षेत्र से बाहर हैं तो उसका भी मूल्यांकन किया गया है । या मकान है भी तो क्षेत्रफल ज्यादा दर्शाया गया है । इन सभी त्रुटियों को दूर करने के लिए एक समिति का गठन किया जाता है जो अनुमंडल पदाधिकारी छतरपुर की अध्यक्षता में परियोजना निदेशक NHAI डाल्टनगंज के द्वारा प्राधिकृत पदाधिकारी, कार्यालय अभियंता भवन निर्माण विभाग भवन प्रमंडल डाल्टनगंज के द्वारा एक प्राधिकृत पदाधिकारी, अंचल अधिकारी छतरपुर एवं जिला भू अर्जन कार्यालय के कानूनगो/अमीन को मनोनीत किया जाता है । अनुमंडल पदाधिकारी छतरपुर जांच हेतु अपने स्तर से तिथि निर्धारण कर सूचित करेंगे । स्थलीय जांच प्रतिवेदन अधोहस्ताक्षरी को यथाशीघ्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित की जाए।जिला भू अर्जन कार्यालय पलामू को हर हाल में सड़क निर्माण कार्य शुरू करने के लिए संबद्ध ठेकेदार को 17-05-2021 तक जमीन उपलब्ध करवा देना था । संबद्ध जमीन अधिग्रहण के लिए लगभग 200 करोड़ रूपये आबंटित भी हो चुके हैं । लेकिन अब तक 38 गावों के संबद्ध सैंकड़ों प्रभावितों में से एक को भी जमीन या अधिग्रहण के एवज में मुआवजा का भुगतान नहीं किया है।मुआवजा वितरण न करने के विरोध में केन्द्र से लेकर राज्य सरकार के अधिकारी और जनप्रतिनिधि कई बार जिला प्रशासन पर दबाव बना चुके हैं । इसी बीच जिला भू अर्जन कार्यालय में कार्यरत एक प्राइवेट अमीन और नव पदस्थापित कानूनगो ने कथित रूप से स्थल जांच किया और कथित खामियां निकालीं । इसके बाद डीसी ने जांच टीम का गठन किया।मुआवजा के लिए नोटिस जारी होने के इतने दिनों बाद लोग इस जांच पर ही सवाल उठा रहे हैं । दरअसल, संबद्ध जांच थ्री-जी प्रकाशित होने के और मुआवजा भुगतान का नोटिस जारी होने के पहले ही होता है । फिर, एसडीओ को छोड़कर इस जांच कमिटी में वही लोग हैं जिन्होंने उक्त प्रोजेक्ट के जमीन अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी करने से लेकर फाइनल सूची के प्रकाशन तक का काम पूरा किया होगा।समय पर जमीन उपलब्ध नहीं करवाने के कारण संबद्ध ठेकेदार, सरकार से जहां करोड़ों रुपयों का मुआवजा मांग सकता है, वहीं कुछ और वक्त बीत जाने पर ठेकेदार रेट रिविजन की मांग भी कर सकता है जिससे सरकार को करोड़ों रुपयों का नुकसान होगा । मुआवजा भुगतान में जितनी देर होगी, ठेकेदार को उतना ही लाभ होगा।