रांची: शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो मीडिया के माध्यम से स्कूल फीस से संबंधित कानून बनाने की बात कर बरगलाने का प्रयास ना करें साथ ही उनको स्पष्ट करना चाहिए कि 2019 से प्रभाव में आये झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 को प्रभावी बनाने की दिशा में सरकार क्या पहल कर रही है। उक्त बातें झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कही।
उन्होंने कहा कि कल शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो द्वारा मीडिया के माध्यम से जो बयान दिया है उस बयान को देखने से प्रतीत हो रहा है कि वह सिर्फ इस तरह का बयान देकर अभिभावकों का झूठा आश्वासन देने का काम कर रहे हैं। अजय राय ने कहा कि झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 में पहले से जिले के सभी जनप्रतिनिधियों को शुल्क निर्धारण कमेटी में पदेन सदस्य रखा गया है तो फिर वह कौन सा नया कानून बनाने की बात कर रहे हैं।
अजय राय ने कहा कि अगर शिक्षा मंत्री जरा भी इस मामले पर गंभीर होते तो अभी तक इतने सारे अभिभावकों की ओर से ज्ञापन उन्हें दिए जा चुके हैं उस पर कार्रवाई करते, मगर अभी तक उनकी ओर से इस संबंध में कहीं कोई बयान आधिकारिक रूप से नहीं आया है। श्री महतो को खुद सोचना चाहिए कि अगर उनके इलाज में सरकारी सहायता नहीं हुवा होता तो आज वह जिंदा नहीं बच पाते वैसे ही आम जनों के बारे में भी सोचे कि कोरोना की दूसरी लहर में लोगों की क्या हालात हैं अगर उनमें जरा सा भी नैतिकता होगी तो इस बारे में सोचते हुए इस पर कार्रवाई करेंगे ना कि बयान बाजी।
वही अजय राय ने कहा कि राजधानी रांची में जिला शुल्क निर्धारण कमेटी का गठन हुए 2 महीने से ऊपर होने को है मगर उपायुक्त को इतनी फुर्सत नहीं कि वह इसकी बैठक कर सके। जबकि राजधानी के सैकड़ों अभिभावकों ने इस संबंध में कई शिकायत पत्र उपायुक्त सहित डीएसई रांची को दिया है।