रामगढ़: दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के 6 माह पूरे होने एवं मोदी सरकार कि 7 साल की विफलता पर राष्ट्रव्यापी किसान संगठनों एवं श्रमिक संगठनों द्वारा काला दिन मनाया जाएगा। उक्त बातें अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव सह अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति झारखंड के संयोजक महेन्द्र पाठक ने कहा। पाठक ने कहा कि केंद्र की सरकार 26 मई को 7 साल पूरे होने की जश्न मनाएगी और देश के 500 से अधिक किसान संगठनों की ओर से दिल्ली में चलाए जा रहे किसान विरोधी तीनों काला कानून के विरोध में आंदोलन के 6 महीने पूरे होंगे। 7 सालों में केंद्र की सरकार देश को चलाने में विफल हुई है। जब से मोदी की सरकार गद्दी पर आई, तब से किसानों की जमीन को हड़पने के लिए हर हथकंडे अपना रही है । मजदूरों के कानून को मात्र 4 कानून में बदलकर किसान मजदूर विरोधी चरित्र का उजागर किया है । देश में लगातार महंगाई बढ़ रही है। महामारी के कारण देश की आवाम घर में दुबके हुए हैं । सरकार लॉकडाउन लगाई हुई है। कोरोना की लड़ाई में भी केंद्र की सरकार विफल साबित हुई। एक तरफ लोग महामारी से मर रहे हैं। तो दूसरे और भुखमरी और बेरोजगारी के शिकार हो रहे हैं। देश के 80% लोगों के अनाज देने की बातें भी बेमानी साबित हो रही है । श्री पाठक ने राज्य सरकार को कई बार पत्र के माध्यम से कहा कि झारखंड वासियों को केरल की तर्ज पर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति घर-घर में की जाये। देश में एक केरल एक मॉडल राज्य के रूप में देखी जा रही है। केंद्र सरकार की विफलता के विरोध में 26 मई को पूरे राज्य में 1 दर्जन से अधिक किसान संगठनों, श्रमिक संगठनों की ओर से काला दिन मनाए जाएंगे। अपने-अपने घरों दफ्तरों में काले झंडे, अपनी मांगों के समर्थन में अपने अपने झंडों के साथ काले झंडे या काले बिल्ले लगाकर सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध करेंगे । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी स् शरीर आंदोलन में उतरेगी । लोग अपने अपने घरों ,पार्टी दफ्तरों ,खेत खलिहानों में कोविड-19 के गाइडलाइन को पालन करते हुए फिजिकल डिस्टेंशन बनाकर आंदोलन करेंगें।