रामगढ़। भारतीय जनता पार्टी रामगढ़ जिला अध्यक्ष प्रवीण मेहता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान निधि योजना के तहत 286 करोड़ झारखंड के किसानों के लिए जारी की है । जिससे लगभग 13 लाख ,88 हजार किसान लाभान्वित होंगे । वहीं गरीब कल्याण योजना के द्वारा माह मई और जून में प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज का लाभ गरीबों को मुफ्त में दिया जा रहा है । दोनों योजनाओं से कोरोना काल में किसानों और मजदूरों को बहुत राहत देने वाला है । उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए साधुवाद दिया । वहीं लोक डाउनलोड के दौरान इ-पास बनाने की प्रक्रिया को गरीब जरूरतमंद के विरोध बताते हुए क्षोभ प्रकट किया।
जिला अध्यक्ष जी ने कहा कि नवंबर 2020 में किसानों द्वारा खरीदे गए धान का क्रय मुल्य का भुगतान अभी तक यह निकम्मी राज्य सरकार के द्वारा नही किया गया है। किसानों के समर्थन में भारतीय जानता पार्टी झारखंड प्रदेश के अध्यक्ष एवं राज्य सभा सांसद आदरणीय दीपक प्रकाश के निर्देशानुसार प्रदेश स्तर से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता अपने आवासीय परिसर में दिनांक 18 मई 2021 को पूर्वाह्न 11:00 बजे से लेकर अपराह्न 1:00 बजे तक डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से एक दिवसीय e -धरने पर बैठेंगे । धरना में निम्नलिखित बिंदुओं का जिक्र किया जाएगा।
1. किसानों के बकाया राशि का शीघ्र भुगतान करने की मांग करेंगे ।
2. मुख्य्मंत्री हेमंत सोरेन के आदेश पर नवंबर महीने में धान की खरीद प्रदेश के किसानों से की गई।
3. 8 दिन बाद कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने धान खरीद पर रोक लगा दी और उन्होंने कहा की धान अभी गीले हैं, धान जब सूखेगा तब खरीदा जायेगा।
4. नवंबर माह में खरीदे धान के मूल्य का अभी तक किसानों को भुगतान नहीं किया गया है। कहीं कहीं पे किसानों को आधे राशि का भुगतान किया गया है।
5. धान बोने का समय आ गया है, अधिकांशतः किसान इस आशा और भरोसा में रहे की शेष धान जो घरों में बचे हैं वो सरकार खरीदेगी लेकिन धान नहीं खरीद होने के कारण या तो किसान औने पौने दामों में धान को बिचौलियों के हाथो में बेच डाला या धान किसानों के घर में सड़ रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में किसानों के बीच विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है और किसान काफी हताश और निराश हैं।
6. ग्रामीण क्षेत्रो में भी कोरोना काफी तेजी से पांव पसार रहा है, किसान पैसे के आभाव में इलाज नहीं करा पा रहे हैं और आने वाले समय में धान के बीज की खरीददारी कैसे कर पायेंगे ।