नही खुला धान अधिप्राप्ति व बीज वितरण केंद्र, किसानों के हक व अधिकार के लिए आगे नहीं आते प्रतिनिधि व नेता, किसानों को नही मिला धान का बीज, पदाधिकारी-नेता मौन
चतरा। सरकारी उदासीनता व स्थानीय प्रतिनिधियों की लापरवाही का आलम है कि कृषि विभाग द्वारा संचालित अधिकतर योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं पत्थलगड़ा प्रखंड क्षेत्र के किसान। इसका मुख्य कारण स्थानीय कृषक मित्रों के द्वारा किसानों को ससमय योजनाओं से संबंधित जानकारी नहीं देना। ज्ञात हो कि कृषि विभाग के द्वारा सरकारी स्तर पर जिले के लगभग प्रखंडों में सरकारी दर पर धान खरीदी के लिए धान अधिप्राप्ति केंद्र का संचालन किया गया, लेकिन पत्थलगड़ा प्रखंड में धान अधिप्राप्ति केंद्र नहीं खुला। इसके बाद जिले के सभी प्रखंडों में 50 प्रतिशत अनुदान पर धान व खरीफ फसल के लिए बीज का वितरण केंद्र खोला गया, लेकिन पत्थलगड़ा में बीज वितरण केंद्र भी नहीं खुला। इसके लिए ना ही क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने पहल की और ना ही राजनीतिक दलों के नेताओं ने। सरकारी स्तर पर केंद्र नहीं खुलने के बाद अनुदानित बीज से वंचित रहे किसान ऊंचे दामों पर हाइब्रिड धान खरीद कर अपने खेतों में बीचड़ा लगाने को मजबूर हुए। ज्ञात हो कि एक ओर क्षेत्र के किसानों को पिछले वर्ष उपजाए गए धान को प्रखंड में केंद्र नहीं खुलने के कारण ओने पोने दाम में व्यपारियों के पास बेचना पड़ा। वहीं अनुदानित दर पर बीज भी नही मिला। सूत्रों की माने तो मुनाफा नहीं होने के कारण प्रखंड के किसी भी पैक्स द्वारा धान बीज का उठाव ही नही किया गया। ऐसे में सरकारी घोषणा के बाबजूद किसान अंतर जिला एवं खुले बाजार में महंगे दामों पर बीज लेने को मजबूर हुवे। ताज्जुब की बात यह है कि सरकारी दावे के विपरीत धान अधिप्राप्ति केंद्र के बाद अनुदानित दर पर धान बीज वितरण केंद्र का संचालन पत्थलगड़ा में नहीं होने की आवाज स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ बात-बात पर सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वाले दल के कार्यकर्ताओं ने भी नही उठाई।