गोड्डा: ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र के तत्वावधान में प्रखंड सुन्दरपहाड़ी के ग्राम-भालुका में अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया। सस्य वैज्ञानिक डाॅ अमितेश कुमार सिंह ने किसानों को बिरसा विकास सुगन्धा धान के विषय में जानकारी दी। धान की नर्सरी लगाने से पहले बीज को फफूंद नाशी बाविस्टीन की मात्रा दो ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें। बिरसा विकास सुगन्धा-1धान वर्षा आधारित भूमि एवं मध्यम जमीन के लिए उपयुक्त किस्म है।
उन्होंने बताया कि बिरसा विकास सुगन्धा-1 धान 120-125 दिन में तैयार हो जाता है। इसका पौधा बड़ा, दाना लम्बा एवं सुगंधित होता है। इसकी उपज 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। बिरसा विकास सुगन्धा-1 भूरा धब्बा, ब्लास्ट, बैक्टीरियल ब्लाइट के प्रति प्रतिरोधी किस्म है। इसके साथ ही यह तना बेधक एवं गंधी बग के प्रति प्रतिरोधी किस्में है। धान के बिचड़े को श्री विधि से दो बिचड़े कतार से कतार में 25 सेंटीमीटर की दूरी में लगाएं, जिससे कि खर-पतवार निकालने में आसानी होगी तथा संतुलित मात्रा में रासायनिक खाद का छिड़काव आसानी से कर सकेंगे। किसानों को धान का प्रजाति बिरसा विकास सुगन्धा-1 एवं खरपतवार नाशी वितरित किया गया। ग्रामीण विकास ट्रस्ट के प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर मंगलम बर्नवाल ने कार्यक्रम को संचालित किया। मौके पर डाॅ रितेश दुबे,मसूदन कुमार, देवीलाल मुर्मू, फूलमुनी मरांडी, ताला हेम्ब्रम आदि प्रगतिशील किसान मौजूद रहे।