जावेद अख्तर की रिपोर्ट
हनवारा:भूमि संरक्षण विभाग से तालाब की खुदाई लाखों की लागत से की गई है। लेकिन गांव के ही दबंग व्यक्ति तालाब के अस्तित्व को मिटाने के लिए जेसीबी मशीन से मिट्टी का उठाव पर तुले हुए हैं। मामला हसन करहरिया पंचायत की है, जहां चमरिया पोखर के निकट राजनीतिक पार्टी के एक नेता की निजी जमीन पर तालाब की खुदाई की गई है। लेकिन उस तालाब के पिंड को गांव के ही एक दबंग व्यक्ति, जो महागामा अनुमंडल कार्यालय में कार्यरत हैं, के द्वारा जेसीबी मशीन लगाकर मिट्टी का उठाव कर बिक्री किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि एक ट्रैक्टर 200 रुपये में मिट्टी बेची जा रही है ।
लेकिन पिंड से मिट्टी का नियमित रूप से उठाव होने के कारण तालाब का अस्तित्व पूरी तरह से समाप्त हो रहा है। तालाब के पिंड से मिट्टी का उठाव होने से पानी का ठहराव नहीं होगा जिससे कृषि कार्य प्रभावित होगा । फसल का पटवन भी नहीं हो पाएगा। जबकि तालाब की खुदाई कृषि कार्य के लिए की गई थी।
इसके लिए आसपास के किसानों की सहमति भी ली गई थी। तालाब से सैकड़ों एकड़ जमीन का पटवन होता है। इस तरह मिट्टी माफिया दिन के उजाले में कार्य को अंजाम दे रहा है, लेकिन प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। दबंग व्यक्ति होने के कारण कोई इसका विरोध भी नहीं कर रहा है। ग्रामीणों ने उपायुक्त से जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है।
क्या कहते हैं मुखिया:
मुखिया मोहम्मद इकराम मुल हक ने कहा कि तलाब किसानों के खेत में लगे फसल पटवन के लिए होता है। अगर तालाब के पिंड की मिट्टी उठा ली जाए, तो तालाब का अस्तित्व समाप्त हो जाता है। पिंड को काट लेने से उसमें पानी का ठहराव नहीं होगा। इसलिए जिस व्यक्ति मिट्टी का उठाव किया है, वह बिल्कुल गलत है। उसके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।