मामला सरायकेला खरसावां मुख्य सड़क पर किता गांव का
सरायकेला। एक ओर जहां कोरोना की कहर से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है वहीं विगत कुछ दिनों से सरायकेला एवं आस पास के क्षेत्र में जारी बेमौसम की बारिश ने लोगों को संकट में डाल दिया है। दोपहर बाद तेज गर्जन के साथ बारिश, वज्रपात एवं आंधी के साथ ओले गिरने से लोग काफी परेशान हैं।
इसी क्रम में बृहस्पतिवार अपराह्न लगभग 4:00 बजे सरायकेला थाना अंतर्गत सरायकेला-खरसावां मुख्य सड़क किनारे कीता गांव में एक हृदयविदारक घटना घटी। सड़क किनारे स्थित एक विशाल आम का वृक्ष आंधी से उखड़ कर गिर गया। वृक्ष के नीचे आम चुनने गांव के बच्चे एवं बड़े वृक्ष के नीचे थे। अचानक वृक्ष के गिरने से उसके नीचे दबकर कीता गांव के ही दो बच्चों की दर्दनाक मौत मोती टहनियों से दब जाने के कारण हो गयी एवं कुछ लोग जख्मी भी हुए। मिली जानकारी अनुसार मृतक 10 से 12 वर्ष आयु के थे जिनमें से एक का नाम दीपक गोप एवं दूसरे का हिम्मत लाल पड़िहारी था।
जबकि एक जख्मी 28 वर्षीय रूपलाल मांझी को सदर अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद जमशेदपुर एमजीएम रेफर किया गया। सड़क किनारे खड़ी एक 407 वाहन के ऊपर भी टहनी गिरने से कुछ क्षति हुआ है। वृक्ष के गिरने से सड़क पर आवागमन भी ठप हो गया था।
सरायकेला थाना प्रभारी मनोहर कुमार सूचना के मिलते ही पुलिस बल के साथ घटनास्थल पहुंचे। उन्होंने तुरन्त जेसीबी मंगवा कर गिरे आम के वृक्ष को हटवाने का काम शुरू करवाया। पेड़ के नीचे दबे दोनों बच्चों के क्षत-विक्षत शव को बाहर निकाला गया। काफी मशक्कत से लगभग दो घण्टे बाद सड़क को आवागमन योग्य बनाया जा सका। मिली जानकारी अनुसार सरायकेला अंचलाधिकारी सुरेश कुमार सिन्हा द्वारा मृतक बच्चों के परिजनों को आपदा प्रबंधन के नियमों के तहत मुआवजा दिए जाने की बात कही गई है। सरायकेला थाना प्रभारी द्वारा ग्रामीणों को वर्तमान में जारी कोरोना संक्रमण को देखते हुए अपने घरों से बिना जरूरी काम के बाहर नही निकलने। बारिश एवं आंधी के वक्त पेड़ों के नीचे नही रहने की अपील की गयी।