डॉ रंजन कुमार की रिपोर्ट
गोड्डा: गोड्डा कॉलेज के इतिहास में पहली बार शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों ने होली मिलन समारोह प्राचार्य सतीश चंद्र पाठक के नेतृत्व में मनाया। सांप्रदायिक सौहार्द्र दिखाते हुए पारसी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मसूद अहमद ने कॉलेज के सभी कर्मियों को होली की शुभकामनाएं दी और मिठाइयां खिलाईं।
होली और बाहा पर्व पर संताली विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर योगेश चंद्र किस्कू ने हृदयस्पर्शी संताली लोकगीत सुनाया, जिसमें अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जॉन सैमुअल किस्कू ने भी साथ दिया। संताली गाने का अर्थ था : जंगल में लगी हुई आग तो किसी भी तरह बुझ सकती है, लेकिन अगर दिल में ठेस लगे और दिल में आग लगे तो उसे न कोई देखता है और न बुझा ही सकता है।
डॉ हरीश एवं प्रोफेसर बासुकीनाथ ने परंपरागत होली गीत गाकर सबों को झुमा दिया। जितेंद्र यादव, बलभद्र प्रसाद सिंह, हजारी निरंजन आदि ने भी होलिकोत्सव के अवसर पर झुमा देने वाले गीत गाए।
प्राचार्य सतीश चंद्र पाठक ने रामचरित मानस की चौपाइयों से होली की भावनाओं को जोड़ते हुए पूरे उत्साह और भक्ति में मानस पाठ किया। उन्होंने कहा कि वासना रहित भारतीय प्रेम को कृष्ण और राधा के बीच के भाव से देखा जा सकता है, जिसे रासलीला कहते हैं। डॉ ज्योति पंकज ने रंग बरसे गीत गाकर माहौल को रंगीन बना दिया।
होली मिलन कार्यक्रम में गोड्डा कॉलेज के अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर विवेक नंद सिंह, डॉक्टर शैलेंद्र, जितेंद्र यादव, मृत्युंजय दुबे, रणविजय सिंह, रंजन बहादुर, हजारी ,मुकुंद, निरंजन ,वीर रंजन, रंजीत, शमशाद ,अनुज किस्कू मुकेश, संजय प्रियंबद, पंकज कुमार, सुजन कुमार ,राघवेंद्र, मनीष दुबे ,पंकज मुर्मू, वासुकी नीरज, गणेश राम एवं अन्य उपस्थित थे।