प्रशासन,बिरहोर परिवारों को सरकारी योजना का लाभ पहूँचायें.-बारला
रामगोपाल जेना
चक्रधरपुर: पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोईलकेरा प्रखंड के सुदूरवर्ती वनक्षेत्र अंतर्गत मतकमसाय हातु निवासी श्रीदेवी हेम्ब्रोम जो विलुप्त बिरहोर परिवार से आती है.सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित यह महिला अपना गुज़ारा आज दर दर भीख मांगकर कर रही है.इन्हें आजतक राशन कार्ड, वृद्धावस्था पेंशन इत्यादी कोई भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलता है.विदित हो की बिरहोर आदिवासी समुदाय का मुख्य पेशा जंगली घाँस इत्यादीं से रस्सी बनाना है, और रस्सी की बिक्री के लिए इन समुदायों को अक्सर बाज़ार हाटों में देखा जाता है. आदिवासी बिरहोर समुदाय की यह महीला रस्सी बनाकर अपने परिवार का भरण षोषण करती है.लेकिन अब इनका कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में रस्सी का काम धंधा पुरी तरह बंद हो गुया है.जिसके कारण अपने परिवार का गुज़ारा आजकल यह महीला भीख मांगकर चलाती है.यह महिला प्रतिदिन चक्रधरपुर-राऊरकेला सारंडा पैसेंजर से गोईलकेरा से मनोहरपुर में दुकानें या घरों से भीख मांगकर अपना जीवन यापन करने को बिवश है.वहीं इसी क्रम में यह महीला ने मनोहरपुर के युवा समाजसेवी सह आस संयोजक सुशील बारला के पास भीख मांगने पहुंची तो उन्होंने इस महिला को सुखा राशन एवं 7 किलो चावल देकर सहयोग किया है.वहीं श्री बारला ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा है,की इस कठिन दौर में जंगली क्षेत्रों में बसे ऐसे विलुप्त आदिवासी बिरहोर परिवारो के.सदस्यों को चिन्हित कर सरकार से मद्त की गुहार लगाई है.ताकी बिरहोर परिवारों का सरकारी योजना का लाभ मिल पायें.