पहले हेसागढ़ा में सत्ताधारी दल के नेताओं से बात बनाने का किया गया प्रयास
अब भाजपा के विरोधी तेवर अपनाने वाले एक पूर्व केंद्रीय मंत्री यहां लगाने पहुंचे हाजिरी
कई कलमकार की भी लगी है अवैध जमीन में पूंजी
दलाली और चमचई से अखबार नबीसों तक बना रहे पहुंच
कुजू से अशुं गुप्ता की रिपोर्ट
कुजू ⁄मांडू : कुजू कोयलांचल क्षेत्र के विभिन्न सरकारी गैरमजरूआ, वनभूमि, रेलवे और एनएच के जमीन को कब्जाकर निर्माण कराने में जुटे लोग चोरी छिपे तो काम करने का सिलसिला जारी रखा है. वहीं कल तक सरकारी अधिकारियों के तलवे सहलाने वाले ऐसे भूमाफिया अब जमीन पर निर्माण कराने व कब्जाने के मार्ग में बाधक बनने वाले हर शख्स को नीचा दिखाने के लिए ताबड़ तोड़ प्रयास जारी रखा है. कुजू क्षेत्र से गुजरने वाले फोरलेन सडक के बोंगावार, हथमारा, पोचरा, पैंकी, बूढाखाप आदि इलाके के सडक किनारे के जमीन को कब्जाकर निर्माण कराने में जुटा है. मांडू अचंल कार्यालय के अधिकारी कर्मचारी से मिलकर फर्जी जमीन कब्जाने के लिए आशीर्वाद लेने वाले ये जमीन दलाल व भूमाफिया अब इन अधिकारियों को सबक सिखाने के लिए अपनी पहुंच पैरवी व पैसे का प्रयोग करने से गुरेज नहीं कर रहे. अब फर्जी कागजातों के साथ-साथ नेताओं के दरबार में मथ्था टेकने का सिलसिला शुरू किया गया है. पहले हेसागढ़ा में सत्ताधरी दल के नेताओं के दरबार में अहले सुबह मुंह छिपाकर दो नेताओं से बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाकर मामले में अपनी पहुंच की धौंस दिखाने का भरसक प्रयास किया गया. बात न बनती देख अब केंद्र की सत्ता पर बैठे दल के मुखर विरोधी बने एक पूर्व मंत्री के डेमोटांड़ स्थित दरबार में फर्जी कागजातों के साथ चरण स्पर्श करते हुए मुहंमांगी आशीर्वाद पाने की आस लगाया है. साथ ही उक्त नेताजी से सीधे मुख्यमंत्री को ही निर्देश देने का वरदान मांगा है. बात बनाने व इस अवैध जमीन पर निर्माण कार्य बदस्तूर जारी रखने के लिए उनके सार्गिद कलमकार भी खुद कई स्थानों पर मैनेज करने भुरकुंडा ग्लास फैक्ट्री के पास रहने वाले एक कलमकार के साथ-साथ बरकाकाना, रामगढ़ व तोपा में रहने वाले चर्चित अखबारों के जिले के कलमकारों के पास भी पहुंचकर भेंट चढ़ा चुके हैं. इस कार्य में कलमकार के सहभागी बनने के पीछे की कहानी उनका भी सी इलाके में जमीन खरीदा जाना साथ ही निर्माण कार्य में भी शेयरधारक होना बताया गया है. लोगों का कहना है कि कलमकार उक्त भूमाफिया के कार्य में ही बहती गंगा में हाथ धोने को बेसब्री से सक्रिय है. ऐसे कलमकारों का मुख्य काम कलमघिसने की आड़ में अधिकारियों की चमचई करना और दलाली करने है. इसके लिए कलमधिसने का काम मात्र दिखावे के लिए है. सबसे मजेदार बात यह है कि राजधानी रांची में सरकारी जमीन कब्जाने व बेचने को लेकर हाईकोर्ट के कड़े टिप्पणी के वावजूद जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने अब तक अति गंभीर मामले में संज्ञान लेना मुनासिब नहीं समझा है. ऐसे में जिला प्रशसान पर भी इन भूमाफियाओं को संरक्षण देने का ऊंगली उठने लगा है.